वाद विवाद में हिस्सा लेने के मामले में कोटा सांसद ओम बिरला सबसे आगे रहे। इसके बाद जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह सबसे पीछे रहे। राठौड़ ने महज 3 बार ही वाद विवाद में हिस्सा लिया।
देश की सबसे बड़ी पंचायत में प्रदेश के 25 नुमाइंदों में से कई माननीयों ने जनता से जुड़े मुद्दों पर कोई खास रुचि नहीं दिखाई। सात सांसदों ने तो 50 से भी कम सवाल पूछे। वहीं छह सांसदों ने 10 बार से कम वाद विवाद में हिस्सा लिया।
प्रदेश से चुने गए 25 सांसदों में से चार सांसद प्रश्न नहीं पूछ सकते। सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल व कैलाश चौधरी सरकार में मंत्री होने के नाते व सांसद ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष पद पर होने से प्रश्न नहीं पूछ सकते हैं।
लोकसभा सदस्य वाद-विवाद प्रश्न
कनकमल कटारा, बांसवाड़ा 11 103
नरेन्द्र कुमार, झुंझुनूं 14 2
दीया कुमारी, राजसमंद 6 53
राहुल कस्वां, चूरू 30 89
रंजीता कोली, भरतपुर 11 57
कैलाश चौधरी, बाड़मेर 7 0
(मंत्री होने के कारण सवाल नहीं पूछ सकते)
पी.पी. चौधरी, पाली 37 110
भगीरथ चौधरी, अजमेर 25 31
निहाल चंद, श्रीगंगानगर 27 89
चन्द्र प्रकाश जोशी, चित्तौडगढ़ 43 110
सुखबीर सिंह जौनपुरिया, टोंक सवाईमाधोपुर 9 53
बालकनाथ, अलवर 4 30
देवजी पटेल, जालौर 48 100
हनुमान बेनीवाल, नागौर 59 65
सुभाषचंद्र बेहडिय़ा, भीलवाड़ा 19 6
ओम बिरला, कोटा 128 0 (लोकसभा अध्यक्ष होने के कारण सवाल नहीं पूछ सकते)
रामचरण बोहरा, जयपुर 19 92
अर्जुन राम मेघवाल, बीकानेर 86 0
(मंत्री होने के कारण सवाल नहीं पूछ सकते)
अर्जुनलाल मीना, उदयपुर 12 42
जसकौर मीना, दौसा 18 58
डॉ मनोज राजोरिया, करौली-धौलपुर 30 72
कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़,जयपुर ग्रामीण 3 29
गजेन्द्र सिंह शेखावत, जोधपुर 6 0
(मंत्री होने के कारण सवाल नहीं पूछ सकते)
सुमेधानंद सरस्वती, सीकर 30 115
दुष्यंत सिंह, झालावाड़-बारां 32 44