कभी तो भूखे भी सोना पड़ता है। भीषण गर्मी में पेड़ों के नीचे या एक ही कमरे में बैठकर दिन बिताना पड़ रहा है। चूरू जिले के गांव मैनासर निवासी डूंगरराम, सीकर के मोहम्मद सलीम रंगरेज व दौसा के सोहनलाल सहित पंजाब, केरल, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल व तमिलनाडू के 14 जने फंसे हुए हैं। कंपनी ने धोखे से उनके दस्तावेज रख लिए और उनको फंसा दिया।
ये है मामला
डूंगरराम सहित सभी 14 भारतीय वर्ष 2015 में मस्कट स्थित एक कंपनी में नौकरी लगे थे। नियमानुसार दो वर्ष पूरे होने पर वर्ष 2017 में इन्होंने कंपनी के अधिकारी से भारत आने के लिए कहा। जिस पर अधिकारियों ने मस्कट में ही वीजा बढ़ाने का आश्वासन दिया और कहा कि इसके लिए भारत जाने की आवश्यकता नहीं है। ये कहकर कंपनी ने एक वर्ष का समय निकाल दिया। धोखे में रखकर ना तो वीजा का समय बढ़ाया और ना ही भारत वापस भेजा।
बाद में सख्ती हुई तो सुविधाएं बंद कर दी। पीडि़त मस्कट स्थित भारतीय दूतावास में संपर्क कर भारत भेजने की गुहार लगा चुके हैं। वहां से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। मस्कट में भारतीय दूतावास में संपर्क करने पर उन्हें बताया कि बिना वीजा रहने पर उन पर प्रतिमाह के हिसाब से जुर्माना बकाया है। जुर्माना चुकाने पर ही लौटने का रास्ता खुल सकता है।
पीडि़तों के दस्तावेज मिलने पर भारतीय दूतावास में सम्पर्क किया जाएगा। उन्हें वापस भारत लाने के लिए अपनी तरफ से पूरे प्रयास करूंगा।
संदेश नायक, कलक्टर, चूरू