जयपुर। राजस्थान यूनिवर्सिटी के विजुअल आर्ट डिपार्टमेंट (Rajasthan University Visual Art Department) और ललित कला अकादमी नई दिल्ली (Lalit Kala Academy New Delhi) की ओर से कैम्पस में चल रहे नेशनल पेंटिंग कैम्प में देश के 15 वरिष्ठ और युवा कलाकार अपनी अनुभूतियों के रंगों को कैनवास पर सजाने में मशगूल हैं। ये कलाकार यहां एक्रेलिक, ऑयल, चारकोल से लेकर मिक्स्ड मीडिया में तरह तरह की की पेंटिंग्स के माध्यम से अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसका लुत्फ स्टूडेंट्स और कला प्रेमी उठा रहे हैं। कहीं कैनवास पर म्यूरल नजर आ रहा है तो किसी कलाकार ने कोरोना में व्याप्त भय और उसके बाद छा रही खुशहाली को अपने सृजन का माध्यम बनाया है। किसी ने प्रकृति की उर्जा और उसके प्रवाह को कैनवास पर जीवंत किया है। कैंप के मीडिया प्रभारी कमलेश व्यास ने बताया कि कैम्प में कलाकारों की कला के भिन्न भिन्न आयामों को देखकर नए कलाकारों और स्टूडेंट्स को बारीकियां सीखने का मौका मिले,इसी उद्देश्य से कैंप का आयोजन किया जा रहा है। कोरोना की भयावहता का प्रतीक टीथ ऑफ गॉड सीनियर आर्टिस्ट सुमित सेन ने कोरोना में परिवेश में छायी भयावहता और उसके बाद धीरे धीरे नॉर्मल होती जा रही जिदगी के रंगों को अपने सृजन का माध्यम बनाया है। इस क्रिएशन को सुमित ने टीथ ऑफ गॉड नाम दिया है। कैनवास के मध्यम में उन्होंने कोरोना को प्रकृति का कहर मानते हुए दांत निकालकर कू्रर हंसी हंस रही आकृति को बनाया और उसके ठीक नीचे मास्क को रखा है। उन्होंने इस पेन्टिंग के बॉर्डर पर फिर से नॉर्मल होती जा रही दुनिया की हलचल के छोटे छोटे रूपाकार बनाकर इसे अनूठा रूप दिया है। चार दोस्तों का सेलिब्रेशन सीनियर आर्टिस्ट तीर्थंकर बिस्वास का सृजन भी देखन योग्य है उन्होंने शाम के साए में मस्ती के मूड में बैठे चार मित्रों की आकृतियों को कलात्मक अंदाज में उकेरा है। इस पेंटिंग में बेपरवाह बैठे चार मित्र हैं और उनके इर्द-गिर्द बेतरतीब पड़े बर्तन और अन्य सामग्री उनके मस्ती के अंदाज में बयां कर रही है। प्रकृति का प्रवाह दिल्ली में रहकर कला साधना कर रहे झारखंड के दिनेश कुमार राम इनफ्लक्स ऑफ नेचर शीर्षक से पेंटिंग तैयार की है। इस शीर्षक का अर्थ है प्रकृति का प्रवाह। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी आकृतियों में मूवमेंट, फोर्स और एनर्जी को दर्शाया है। संदीप मेघवाल ने तैयार किया फोक फ्यूजन कलाकार संदीप मेघवाल ने कैनवास पर फोक फ्यूजन तैयार किया है। पेंटिंग कैनवास पर किसी म्यूरल जैसा आभास देती है, इसमें बनी आकृतियां चित्रकला की फड़ शैली का भी आभास करवाती हैं। खास बात ये है कि अगर इस पेन्टिंग को दीवार पर लटका दिया जाए तो दूर से ये किसी म्यूरल यानि भित्ती चित्र जैसी नजर आने लगती है।
जयपुर। राजस्थान यूनिवर्सिटी के विजुअल आर्ट डिपार्टमेंट (Rajasthan University Visual Art Department) और ललित कला अकादमी नई दिल्ली (Lalit Kala Academy New Delhi) की ओर से कैम्पस में चल रहे नेशनल पेंटिंग कैम्प में देश के 15 वरिष्ठ और युवा कलाकार अपनी अनुभूतियों के रंगों को कैनवास पर सजाने में मशगूल हैं। ये कलाकार यहां एक्रेलिक, ऑयल, चारकोल से लेकर मिक्स्ड मीडिया में तरह तरह की की पेंटिंग्स के माध्यम से अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसका लुत्फ स्टूडेंट्स और कला प्रेमी उठा रहे हैं। कहीं कैनवास पर म्यूरल नजर आ रहा है तो किसी कलाकार ने कोरोना में व्याप्त भय और उसके बाद छा रही खुशहाली को अपने सृजन का माध्यम बनाया है। किसी ने प्रकृति की उर्जा और उसके प्रवाह को कैनवास पर जीवंत किया है। कैंप के मीडिया प्रभारी कमलेश व्यास ने बताया कि कैम्प में कलाकारों की कला के भिन्न भिन्न आयामों को देखकर नए कलाकारों और स्टूडेंट्स को बारीकियां सीखने का मौका मिले,इसी उद्देश्य से कैंप का आयोजन किया जा रहा है। कोरोना की भयावहता का प्रतीक टीथ ऑफ गॉड सीनियर आर्टिस्ट सुमित सेन ने कोरोना में परिवेश में छायी भयावहता और उसके बाद धीरे धीरे नॉर्मल होती जा रही जिदगी के रंगों को अपने सृजन का माध्यम बनाया है। इस क्रिएशन को सुमित ने टीथ ऑफ गॉड नाम दिया है। कैनवास के मध्यम में उन्होंने कोरोना को प्रकृति का कहर मानते हुए दांत निकालकर कू्रर हंसी हंस रही आकृति को बनाया और उसके ठीक नीचे मास्क को रखा है। उन्होंने इस पेन्टिंग के बॉर्डर पर फिर से नॉर्मल होती जा रही दुनिया की हलचल के छोटे छोटे रूपाकार बनाकर इसे अनूठा रूप दिया है। चार दोस्तों का सेलिब्रेशन सीनियर आर्टिस्ट तीर्थंकर बिस्वास का सृजन भी देखन योग्य है उन्होंने शाम के साए में मस्ती के मूड में बैठे चार मित्रों की आकृतियों को कलात्मक अंदाज में उकेरा है। इस पेंटिंग में बेपरवाह बैठे चार मित्र हैं और उनके इर्द-गिर्द बेतरतीब पड़े बर्तन और अन्य सामग्री उनके मस्ती के अंदाज में बयां कर रही है। प्रकृति का प्रवाह दिल्ली में रहकर कला साधना कर रहे झारखंड के दिनेश कुमार राम इनफ्लक्स ऑफ नेचर शीर्षक से पेंटिंग तैयार की है। इस शीर्षक का अर्थ है प्रकृति का प्रवाह। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी आकृतियों में मूवमेंट, फोर्स और एनर्जी को दर्शाया है। संदीप मेघवाल ने तैयार किया फोक फ्यूजन कलाकार संदीप मेघवाल ने कैनवास पर फोक फ्यूजन तैयार किया है। पेंटिंग कैनवास पर किसी म्यूरल जैसा आभास देती है, इसमें बनी आकृतियां चित्रकला की फड़ शैली का भी आभास करवाती हैं। खास बात ये है कि अगर इस पेन्टिंग को दीवार पर लटका दिया जाए तो दूर से ये किसी म्यूरल यानि भित्ती चित्र जैसी नजर आने लगती है।