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15 याचिकाएं…हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक दस्तक…एक लक्ष्य कुर्सी बचाना

locationजयपुरPublished: Aug 01, 2020 10:14:39 pm

Submitted by:

KAMLESH AGARWAL

15 याचिकाएं…हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक दस्तक…एक लक्ष्य कुर्सी बचाना

highcourt

final hearing

जयपुर।

सत्ता बचाने का संघर्ष दो मोर्चों पर लड़ा जा रहा है पहला संख्या बल बनाए रखना और दूसरा कानूनी दांवपेच। संख्या बल के लिए विधायकों का एक खेमा जयपुर की होटल फेयरमॉण्ट से निकालकर जैसलमेर के सूर्यागढ़ में पहुंचाया गया है और दूसरा हरियाणा के मानेसर में कहीं छिपा है। हालांकि मानेसर में एसओजी और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को इन विधायकों का सुराग नहीं लगा। दोनों ही खेमों में पांच सितारा होटलों में विधायकों की सुख सुविधाओं का खास ख्याल रखा जा रहा है, होटलों के बाहर राजस्थान और हरियाणा की पुलिस सख्ती से पहरा दे रहीं हैं। इस बीच कोर्ट में विधायकी बचाने और राजद्रोह के केस से खुद को बचाने के लिए एक के बाद एक 15 याचिकाएं दाखिल हो चुकी है। इनमें से 3 याचिकाओं में राज्यपाल और विधायकों के दायित्व पूरा नहीं करने की शिकायत करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है, जबकि 3 याचिकाएं वापस ली जा चुकी हैं।
इन 15 में से तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर हुईं, शेष 12 राजस्थान हाईकोर्ट पहुंची। इन मामलों में कई लाख रुपए रोजाना की फीस पर पैरवी करने वाले वकील दलील दे रहे हैं, इनमें सबसे मोटी फीस वाले वकील हरीश साल्वे लंदन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सत्तापक्ष के वकीलों को चुनौती दे रहे हैं। दिल्ली से अब तक वीडियो कांफ्रेंसिंग से कई वकील पैरवी कर चुके हैं।
इन पर आया अंतरिम फैसला

1— सचिन पायलट ग्रुप की ओर से पी आर मीना एवं अन्य की याचिका पर हाईकोर्ट ने 24 जुलाई को अंतरिम फैसला सुनाया था, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस पर यथास्थिति के आदेश दिए गए हैं।
इन पर नोटिस जारी

2—3—बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीशचंद मिश्रा व भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष व सचिव सहित अन्य से नोटिस जारी कर 11 अगस्त तक जवाब मांगा है। याचिका में बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है।

इनको लिया वापस

4—5— मदन दिलावर हाईकोर्ट से दो याचिका याचिका वापस ले चुके हैं, इसमें एक में विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी गई थी और दूसरी में विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश देने की गुहार की गई थी।
6—विधानसभा अध्यक्ष ने सचिन पायलट व 18 अन्य विधायकों की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट के 24 जुलाई के आदेश पर रोक लगाने के लिए एसएलपी दायर की थी। इसे 27 जुलाई को वापस ले लिया।
तीन जनहित याचिकाएं भी
7 से 9— एक जनहित याचिका में बाड़ाबंदी में बंद विधायकों के वेतन भत्तों पर रोक लगाने की मांग की है, जबकि एक अन्य जनहित याचिका में राज्यपाल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। याचिका में कहा है कि राज्यपाल संवैधानिक सिद्धांतों और सुप्रीम कोर्ट के नबाम रेबिया केस फैसले का पालन नहीं कर रहे हैं। इसी तरह एक अन्य जनहित याचिका में कहा है कि मंत्रिपरिषद ने राज्यपाल से विधानसभा का सत्र आहूत करने का अनुरोध किया है, लेकिन उस अनुरोध को ठुकरा दिया गया। इस मामले में हाईकोर्ट दखल करे। राज्यपाल के विधानसभा सत्र की तारीख तय कर दिए जाने से इनमें से दो याचिकाओं पर हाईकोर्ट को शायद ही कोई निर्देश देने की आवश्यकता पडेगी। हालांकि इन तीनों जनहित याचिकाओं पर मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहान्ती और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ में सुनवाई होनी है।
चार याचिकाओं में विधायक ने मांगा संरक्षण

10 से 13— विधायक भंवरलाल शर्मा ने एसओजी जांच पर रोक लगाने और एफआईआर को रद्द करवाने के लिए तीन याचिकाएं दायर की है। एफआईआर रद्द नहीं किए जाने की स्थिति में जांच एनआईए से करवाने की मांग की है। इसी तरह विधायकों की अवैध खरीद फरोख्त मामले में एसीबी में दर्ज मामले के अनुसंधान पर रोक लगाने का लेकर भी एक याचिका दायर की गई है।
सुप्रीम कोर्ट में दो याचिका

14 और 15—राजस्थान हाईकोर्ट के 24 जुलाई के अंतरिम आदेश को विधानसभा अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में कहा है कि उच्च न्यायालय विधानसभा के नोटिस पर यथास्थिति के आदेश नहीं दे सकता। मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भी हाईकोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है इसमें 18 आधार पर हाईकोर्ट के फैसले का रद्द करने की गुहार की है।
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