जानकारी के अनुसार कारोना से पहले प्रदेशभर में 4000 के करीब बसें संचालित की जा रहीं थी और इनसे प्रतिदिन करीब 5 करोड़ का राजस्व प्राप्त हो रहा था। अब बसों की संख्या करीब आधी रह गई है तो राजस्व भी लगभग 50 फीसदी ही रह गया है।
समय पर वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों को काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है। ज्ञापन देकर कर्मचारियों की समस्या से अवगत भी करवाया जा चुका है।
-राधेश्याम वशिष्ठ, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष,संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन, भारतीय मजदूर संघ
रोडवेज को वर्तमान में कम राजस्व मिल रहा है, लेकिन कर्मचारियों के हित में सरकार को रोडवेज का सहयोग कर कर्मचारियों के वेतन की व्यवस्था करनी चाहिए।
-धर्मवीर चौधरी, राजस्थान स्टेट रोडवेज एम्पलाइज यूनियन, एटक
राजस्व में कमी से परेशानी हुुई है, लेकिन रोडवेज कर्मचारियों को जल्द ही वेतन मिलेगा। इसके लिए सरकार ने राशि दी है।
-दीपक खंडेलवाल, जोनल मैनेजर, रोडवेज