………… पशुधन सहायक, पशु चिकित्सा सहायक और मंत्रालय कर्मचारियों की होगी डीपीसी
विभाग के अतिरिक्त निदेशक उत्पादन डॉ.प्रकाश भाटी ने मांगी जानकारी
संभागीय अतिरिक्त निदेशक को पत्र लिखकर मांगी जानकारी
बकाया एसीपी वेतन निर्धारण और नियमितीकरण को लेकर लिखा पत्र
पशुपालन निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह ने संभागीय अतिरिक्त निदेशकों को लिखा पत्र
पशुपालन विभाग में लंबे समय से लंबित पशुधन सहायकों, पशु चिकित्सा सहायकों और मंत्रालयिक कर्मचारियों की डीपीसी शीघ्र की जाएगी। विभाग के अतिरिक्त निदेशक उत्पादन डॉ. प्रकाश भाटी ने संभागीय अतिरिक्त निदेशक को पत्र लिखकर बकाया एसीपी वेतन निर्धारण और नियमितीकरण को लेकर पत्र लिखा है। उन्होंने डीपीसी के लिए संभावित तकनीकी और मंत्रालयिक कर्मचारियों के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन की पूर्ति कर उसे निदेशालय भिजवाए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि यदि किसी कार्मिक के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन और संतान संबंधी घोषणा पत्र समय पर नहीं उपलब्ध करवाया जाता तो पदोन्नति से वंचित रहने की पूरी जिम्मेदारी संबंधित कर्मचारी के साथ उस कार्यालय के अध्यक्ष की होगी।
सालों से लंबित थी डीपीसी
गौरतलब है कि विभाग में डीपीसी सालों से लंबित चल रही थी। राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ ने इस मुद्दे को निरंतर विभाग तथा सरकार के समक्ष उठाया था और पदोन्नति किए जाने की मांग की थी। संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय सैनी का कहना है कि कई बार सरकार, मुख्य सचिव, कार्मिक विभाग तथा विभाग के शासन सचिव ने निदेशालय को समयबद्ध पदोन्नति करने हेतु निर्देशित किया है परंतु विभाग सरकार के निर्देशों को भी गंभीरता से नहीं ले रहा था लेकिन अब विभाग ने डीपीसी किए जाने का निर्णय लिया है जिसका फायदा कार्मिकों को मिल सकेगा।
विभाग के अतिरिक्त निदेशक उत्पादन डॉ.प्रकाश भाटी ने मांगी जानकारी
संभागीय अतिरिक्त निदेशक को पत्र लिखकर मांगी जानकारी
बकाया एसीपी वेतन निर्धारण और नियमितीकरण को लेकर लिखा पत्र
पशुपालन निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह ने संभागीय अतिरिक्त निदेशकों को लिखा पत्र
पशुपालन विभाग में लंबे समय से लंबित पशुधन सहायकों, पशु चिकित्सा सहायकों और मंत्रालयिक कर्मचारियों की डीपीसी शीघ्र की जाएगी। विभाग के अतिरिक्त निदेशक उत्पादन डॉ. प्रकाश भाटी ने संभागीय अतिरिक्त निदेशक को पत्र लिखकर बकाया एसीपी वेतन निर्धारण और नियमितीकरण को लेकर पत्र लिखा है। उन्होंने डीपीसी के लिए संभावित तकनीकी और मंत्रालयिक कर्मचारियों के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन की पूर्ति कर उसे निदेशालय भिजवाए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि यदि किसी कार्मिक के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन और संतान संबंधी घोषणा पत्र समय पर नहीं उपलब्ध करवाया जाता तो पदोन्नति से वंचित रहने की पूरी जिम्मेदारी संबंधित कर्मचारी के साथ उस कार्यालय के अध्यक्ष की होगी।
सालों से लंबित थी डीपीसी
गौरतलब है कि विभाग में डीपीसी सालों से लंबित चल रही थी। राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ ने इस मुद्दे को निरंतर विभाग तथा सरकार के समक्ष उठाया था और पदोन्नति किए जाने की मांग की थी। संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय सैनी का कहना है कि कई बार सरकार, मुख्य सचिव, कार्मिक विभाग तथा विभाग के शासन सचिव ने निदेशालय को समयबद्ध पदोन्नति करने हेतु निर्देशित किया है परंतु विभाग सरकार के निर्देशों को भी गंभीरता से नहीं ले रहा था लेकिन अब विभाग ने डीपीसी किए जाने का निर्णय लिया है जिसका फायदा कार्मिकों को मिल सकेगा।