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फ्लोर दुर्घटना चालकों से करा रहे 16 घंटे ड्यूटी, मानसिक तनाव के बीच हो रही दुर्घटना

locationजयपुरPublished: Mar 15, 2020 09:05:30 pm

Submitted by:

Vijay Sharma

जेसीटीएसएल की निजी फर्म फायदे के लिए रखती कम चालक, टोडी डिपो में 101 बसों के बीच 140 चालक

जयपुर। शहर में लो—फ्लोर बसों से हादसे बढ़ रहे हैं। इसका कारण है कि बसों के चालक मानसिक तनाव के बीच वाहन चला रहे हैं। एक ही चालक को दो—दो शिफ्टों में 16 घंटे ड्यूटी करवाई जा रही है। सुबह छ बजे ड्यूटी पर आने वाला चालक रात तक वाहन चला रहा है। इस बीच थकान और तनाव के बीच सड़क पर हादसे बढ़ रहे हैं। रविवार को जिस बस से हादसा हुआ वह टोडी डिपो से मार्ग संख्या 32 पर नारायण विहार से नायला के लिए संचालित हो रही है। टोडी डिपो में बसों की मेंटिनेंस का काम मातेश्वरी फर्म की ओर से किया जा रहा है। बसों में चालक भी यही फर्म के लगे हुए हैं। ऐसे में डिपो से 101 बसों को संचालित किया जा रहा है। जबकि फर्म के पास चालक 140 ही है। ऐसे में 60 चालकों से डबल ड्यूटी करवाई जा रही हैं। हाल ही जेसीटीएसएल एम्पलाइज यूनियन की ओर से भी इसका विरोध किया गया था।
यूनियन ने आरोप लगाया कि पैसा बचाने के चक्कर में निजी कंपनी की ओर से चालकों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है।
यह है पिछले सालों में लो-फ्लोर बस से हादसों की संख्या

वर्ष——- दुर्घटनाओं की संख्या—-मृतकों की संख्या———घायलों की संख्या
2016———–26————————7———————-23
2017———–40————————9———————35
2018———–37———————–4———————-11
2019———–39———————–5———————32

मेंटिनेंस भी वजह
जयपुर में तीन डिपो से करीब 220 बसों का संचालन किया जा रहा है। बसों में मेंटिनेंस का काम निजी फर्म देख रही है। जेसीटीएसएल की ओर से भुगतान किए जाने के बाद भी बसों का मेंटिनेंस नहीं किया जा रहा है। ऐसे में बस बीच रास्ते में ही खराब हो रही है। इससे हादसे भी हो रहे हैं।
बसों के अनुपाल में चालक होने चाहिए। लेकिन हादसे की रिपोर्ट जहां तक आई है, उसमें लो—फ्लोर चालक की गलती नहीं मिली है। दोपहिया चालक बिना हेलमेट तेज गति से वाहन चला रहे थे।
वीेरेन्द्र वर्मा, ओएसडी, जेसीटीएसएल
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