जयपुर

166 अनुपयोगी भवनों में चलेंगे नए पंचायत दफ्तर, 83 करोड़ से अधिक बचाएगी सरकार

— आर्थिक संकट के बीच बचत का जुगाड़, हर कार्यालय के लिए है 50 लाख का वित्तीय प्रावधान

जयपुरAug 18, 2020 / 08:16 pm

Pankaj Chaturvedi

166 अनुपयोगी भवनों में चलेंगे नए पंचायत दफ्तर, 83 करोड़ से अधिक बचाएगी सरकार

जयपुर. कोरोना के आर्थिक संकट में नए पंचायत दफ्तर सरकार के लिए वित्तीय प्रबंधन के जरिए बचत का जरिया बनेंगे। प्रदेश में पिछले साल बनी 1456 नई ग्राम पंचायतों में से सरकार को कम से कम 166 के लिए तो नए पंचायत भवन नहीं बनाने पड़ेंगे।
जिलों में नए पंचायत मुख्यालय वाले गांवों में अब तक ऐसे 166 भवन चिह्नित किए गए हैं, जो वर्षों से अनुपयोगी हैं। सरकार नए भवन बनाने के बजाय इन्हीं भवनों में पंचायत का कार्यालय संचालित करेगी। एक पंचायत भवन के लिए बजट में 50 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। ऐसे में यदि देखें तो पहले से स्थित इन भवनों में पंचायत दफ्तर संचालित कर सरकारी खजाने में अब तक ही करीब 83 करोड़ रुपए की बचत हो चुकी। ऐसे भवनों को चिह्नित करने का कार्य अभी जारी है। सूत्रों के अनुसार हालांकि अनुपयोगी भवनों को कार्यालय संचालन की स्थिति में लाने के लिए जीर्णोद्धार पर राशि तो खर्च होगी। लेकिन ऐसा करने से सरकार को दोहरा लाभ मिल रहा है। पैसे की बचत के साथ गांवों में नए कार्यालयों के लिए भूमि आवंटन की माथापच्ची से भी निजात मिल जाएगी।
जरूरी होगा वर्षा जल संचयन ढ़ांचा

पंचायत भवन भले ही नया बनाया जाए या पुराना काम लिया जाए, इसमें वर्षा जल संचयन ढ़ांचे और दिव्यांगों के लिए रैम्प की सुविधा अनिवार्य तौर बनानी होगी। इसके लिए सभी कलक्टरों को निर्देशित किया गया है। इसके अलावा नए भवनों में इस बार परिसर की आंतरिक सड़क, बिजली—पानी कनेक्शन, बैठने का चबूतरा और वृक्षारोपरण की सुविधा भी आवश्यक तौर पर करने के निर्देश हैं।
लापरवाही तो तत्काल कार्रवाई

सरकार ने कलक्टरों को यह भी कहा है कि जहां नए भवन निर्माण होने हैं, वहां नौ माह में इस कार्य को पूरा कराया जाए। यदि कोई अधिकारी निर्देशों की पालना में लापरवाही बरतेगा तो उसके खिलाफ जिला और सरकार के स्तर पर तत्काल कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।
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