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17 लाख ने छोड़ी मनरेगा दिहाड़ी, अब खेतीबाड़ी

locationजयपुरPublished: Jul 11, 2020 08:36:51 pm

Submitted by:

Pankaj Chaturvedi

— बारिश के साथ ही मजदूरों के नियोजन में आई कमी, जून में रेकार्ड 53 लाख को मिला था रोजगार

17 लाख ने छोड़ी मनरेगा दिहाड़ी, अब खेतीबाड़ी

17 लाख ने छोड़ी मनरेगा दिहाड़ी, अब खेतीबाड़ी

जयपुर. कोरोना संकट में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सबसे बड़ा सहारा बनी मनरेगा में अब श्रमिकों का नियोजन धीरे—धीरे कम होने लगा है। जून माह में जहां योजना के तहत प्रदेश में रेकॉर्ड 53 लाख लोगों को आजीविका मिली थी, वहीं जुलाई में अब श्रमिकों के नियोजन में करीब 17 लाख श्रमिकों की कमी देखी गई है।
प्रदेश में मानसून की दस्तक को श्रमिकों की संख्या में कमी का कारण बताया जा रहा है। बारिश में यह मजदूर मनरेगा कार्यों के बजाय अपनी खेती—बाड़ी के कार्य में लग गए हैं। शनिवार को पूरे प्रदेश में 36.59 लाख मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया गया। जबकि पिछले महीने के इन दिनों में नियोजित श्रमिकों की संख्या 53.32 लाख थी।
फिर भी 15 लाख ज्यादा

हालांकि, कोरोना काल का असर देखें तो 17 लाख श्रमिकों के कम नियोजन के बावजूद यह आंकड़ा पिछले सालों की बजाय अधिक है। पिछले वर्ष जुलाई माह में राज्य में सिर्फ 19.77 लाख मजदूरों ने ही रोजगार मांगा था। ऐसे में अब तुलनात्मक तौर पर 15 लाख श्रमिक अधिक कार्य कर रहे हैं।
15 से वृक्षारोपण अभियान
बारिश के आगमन को देखते हुए सरकार ने भी मनरेगा में मानसूनी कार्यों को प्राथमिकता दी है। 15 जुलाई को योजना के तहत हर पंचायत में वृक्षारोपण वार्षिकोत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए सभी कलक्टरों को निर्देश जारी किए गए हैं।
ऐसे घटे श्रमिक

माह— नियेाजन
अप्रेल— 7 लाख
मई— 39 लाख
जून— 53 लाख
जुलाई— 36 लाख

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