जांच के लिए करीब 5 घंटे दिल्ली में अटके
गौरतलब है कि अंकुर व गौरव का शव लेने अंकुर के पिता डॉ. त्रिलोक राज शर्मा और गौरव का नौ वर्षीय मासूम बेटा ओमान गए थे। डीएनए जांच के बाद रविवार शाम को दोनों शव उनके सुपुर्द किए गए। उनको सोमवार सुबह दस बजे जयपुर आना था।
गौरतलब है कि अंकुर व गौरव का शव लेने अंकुर के पिता डॉ. त्रिलोक राज शर्मा और गौरव का नौ वर्षीय मासूम बेटा ओमान गए थे। डीएनए जांच के बाद रविवार शाम को दोनों शव उनके सुपुर्द किए गए। उनको सोमवार सुबह दस बजे जयपुर आना था।
परिजनों ने बताया कि मस्कट से फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पर सोमवार तडक़े सवा तीन बजे आ गई थी। एयरपोर्ट से शव बाहर लाते समय कस्टम अधिकारियों को कुछ संदेह हुआ। पूरी जांच में करीब पांच घंटे लगने के बाद सोमवार सुबह 9 बजे शव परिजनों के सुपुर्द किए गए। इसके बाद एम्बुलेंस के जरिए सडक़ मार्ग होते हुए दोनों के शव जयपुर लाए गए।
घूमने गया था भाई के पास
गौरव 19 अगस्त को सलाला घूमने के लिए जयपुर से मस्कट के लिए रवाना हुआ था। जबकि दुबई में नौकरी कर रहा उसका चचेरा भाई अंकुर अपने दो साथियों सुशील और प्रशांत के साथ अपनी कार से गौरव को लेने मस्कट आया था। 20 अगस्त को मस्कट से सलाला जाते समय रास्ते में सामने से आ रही अन्य कार ने उनकी कार को टक्कर मार दी। भिडं़त इतनी जबरदस्त थी कि दोनों कारों में आग लग गई। हादसे में दोनों भाइयों सहित उनके दोनों दोस्त और दूसरी कार में सवार स्थानीय दो लोग जिंदा जल गए थे।
दोनों भाई इकलौते थे
अंत्येष्टि पर ले जाने के दौरान घर पर परिजन व मिलने वाले काफी संख्या में एकत्र हो गए। लोग एक ही बात कर रहे थे कि स्व. प्रोफेसर महेश कुमार शर्मा व डॉ. त्रिलोक राज शर्मा दोनों भाइयों के गौरव व अंकुर इकलौते पुत्र थे।
अंत्येष्टि पर ले जाने के दौरान घर पर परिजन व मिलने वाले काफी संख्या में एकत्र हो गए। लोग एक ही बात कर रहे थे कि स्व. प्रोफेसर महेश कुमार शर्मा व डॉ. त्रिलोक राज शर्मा दोनों भाइयों के गौरव व अंकुर इकलौते पुत्र थे।