विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेन्द्र कुमार परिहार ने बताया कि विशिष्ट न्यायाधीश बी.एल. जाट ने अलवर गेट थाने में फरवरी 2021 में दर्ज नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आरोपी कांकरिया निवासी महेन्द्र गुर्जर (22) को सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष ने अदालत में 16 गवाह और 34 दस्तावेज प्रस्तुत किए। घटना के वक्त पीडिता 13 साल 8 माह 14 दिन की थी।
यह है मामला परिहार ने बताया कि परिवादी ने 27 फरवरी 2021 को अलवरगेट थाने में रिपोर्ट दी कि वह 25 फरवरी को बेटी को लेने स्कूल गया तब उसके स्कूल नहीं आने का पता चला। घर पर बेटी से कारण पूछने पर उसने बताया कि वह सुबह 9 बजे स्कूल जा रही थी तब महेन्द्र उर्फ माही ने उसे स्कूल छोड़ने के लिए बहला-फुसलाकर बाइक पर बैठा लिया। वह उसे जनाना अस्पताल के पास एक होटल के कमरे में ले गया, जहां दुष्कर्म करने के बाद उसे वापस छोड़ दिया। आरोपी पुन: 25 फरवरी को उसी होटल में ले गया, जहां फिर दुष्कर्म करते हुए उसका वीडियो बना लिया। इसके बाद आरोपी उसे ब्लैकमेल करने लगा। पुलिस ने 25 फरवरी को प्रकरण दर्जकर आरोपी महेन्द्र गुर्जर को 3 जून को गिरफ्तार कर लिया।
नहीं बरती जा सकती नरमी
कोर्ट ने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा कि वारदात के वक्त पीडि़ता 13 साल 08 माह 14 दिन की थी। ऐसे में आरोपी द्वारा बालिका को बहला-फुसलाकर विधिक संरक्षक की बिना अनुमति व उसकी इच्छा के विरुद्ध उसे अगवाकर होटल ले जाना, इसके बाद उसे दो बार होटल में ले जाकर सदोष परिरोध में रख दुष्कर्म का अपराध किया। ऐसे व्यक्ति के साथ नरम रुख नहीं अपनाया जा सकता।