अग्रवाल ने बताया कि अक्टूबर माह में अब तक प्रदेश में कोयले की 415 रैक डिस्पेच हुई है। जबकि सितंबर के पूरे माह में राज्य में कोयले की 402 रैक ही मिली थी। अक्टूबर माह में 26 अक्टूबर तक कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियोें एनसीएल और एसईसीएल से जहां 162 रैक कोयला की डिस्पेच होकर प्राप्त हुई है, वहीं सरकार की पीकेसीएल से कोयले की 253 रैक डिस्पेच हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की पीकेसीएल से गत माह की तुलना में कोयले की 23 रैक अधिक डिस्पेच होने से प्रदेश में बिजली की उत्पादकता और उपलब्धता में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
उन्होंने बताया कि राज्य मेे बंद तापीय विद्युत इकाइयों में भी बिजली का उत्पादन शुरू किया जा रहा है और इस माह 6 इकाइयों में करीब 2015 मेगावाट विद्युत उत्पादन शुरु किया गया है। सूरतगढ मेे 250-250 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता की दो इकाइयों में उत्पादन शुरु हो गया हैं वहीे इससे पहले कालीसिंध तापीय में 600 मेगावाट, कोटा तापीय विद्युत गृह में 195 और सूरतगढ़ तापीय विद्युत गृह में यूनिट 6 में 660 मेगावाट का उत्पादन आरंभ हो गया है।