बेटियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण वर्षा गांव की बेटियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना चाहती हैं। साथ ही वो चाहती हैं कि गांव में आए दिन होने वाली चोरियों की वारदात पर रोकथाम हो। इसके लिए वे खुद गांव के लोगों को जागरुक कर रही हैं। इसके अलावा गांव के विकास कार्यों पर भी उनका खास ध्यान है।
बेटी का जज्बा देख गांव वालों ने दिया साथ सरपंच वर्षा टांक के दो बहनें व एक भाई है। सबसे छोटी बहन इशाना 12वी की पढाई कर रही है। सुरभि टांक वर्तमान में पायलट की तैयारी कर रही है। बड़ा भाई अभिषेक टांक ग्रेनाइट व्यवसायी है। वर्षा के पिता कन्हैया लाल टांक ज्ञानगढ विद्यालय में व्याख्याता है और माता सज्जनकंवर गृहिणी है। चुनाव में महिला सीट आई तो वर्षा ने चुनाव लडऩे की इच्छा जताई। शुरुआत में गांव वालों ने कहा, गांव की बेटी है तो शादी के बाद ससुराल चली जाएगी लेकिन वर्षा का गांव के प्रति जज्बा देखा तो 206 वोटों से जीता दिया।