संस्कृति दिखाती पेंटिंग हो या कलर्स से लबरेज नए युवा कलाकारों की कला। ऐसी ही सैकड़ों कला कृतियां राजस्थान ललित कला अकादमी की ओर से जवाहर कला केंद्र की सहभागिता से आयोजित किए जा रहे 23वें कला मेले में दिखाई दी। शुक्रवार को इसका आगाज हुआ।
अकादमी अध्यक्ष लक्ष्मण व्यास ने कहा कि मेले में युवा कलाकारों को उनकी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मंच प्रदान किया गया है, जहां वे वरिष्ठ कलाकारों के अनुभव का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।
कला मेले के संयोजक लाखन सिंह जाट ने मेले का परिचय देते हुए बताया कि इस बार करीब 120 स्टॉल लगाए गए हैं, जहां देशभर के 500 से अधिक कलाकारों की कृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं।
नोहर के एक कलाकार तिलोक चंद जांगिड़ ने त्रिज्ञामी आर्ट की एक कृति भी यहां प्रदर्शित की गई है। त्रिज्ञामी आर्ट तीन तरफ से बनाई जाती है और आगे व पीछे से समान होती है व इसमें कोई जोड़ नहीं होता है।
इस कला मेले में देशभर के कलाकारों, कला संगठनों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज की ओर से अपने स्टॉल्स पर विभिन्न कलाकृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं।
कुछ पर कला के विविध रूपों का लाइव डेमोंस्ट्रेशन भी दिया जा रहा है, जो विजिटर्स के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
उद्घाटन समारोह के बाद सभी अतिथियों ने कला मेले की विजिट कर कलाकारों को प्रोत्साहित किया।
इस कला मेले में देशभर के कलाकारों, कला संगठनों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज की ओर से अपने स्टॉल्स पर विभिन्न कलाकृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं।
इस कला मेले में देशभर के कलाकारों, कला संगठनों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज की ओर से अपने स्टॉल्स पर विभिन्न कलाकृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं।
इस कला मेले में देशभर के कलाकारों, कला संगठनों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज की ओर से अपने स्टॉल्स पर विभिन्न कलाकृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं।