खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के गृह जिलों में मनोनीत पार्षदों की घोषणा हो चुकी है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य निकायों में भी पार्षदों का सरकार ने मनोनयन किया है। मगर जयपुर में नेताओं में एका नहीं हो पाया है। हैरिटेज नगर निगम में कांग्रेस का महापौर और बोर्ड होने के बाद भी समितियों की घोषणा नहीं हो पाई है। एक वजह यह भी है कि मनोनीत पार्षदों की घोषणा नहीं हुई है। अगर मनोनीत पार्षदों की घोषणा हो तो 12 कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्ति दी जा सकेगी। उधर ग्रेटर नगर निगम में भी हैरिटेज के विधायकों की ही खींचतान को नियुक्तियां नहीं होने की वजह माना जा रहा है।
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अशोक गहलोत जादूगर, जादू से दुष्कर्म की घटना को दुर्घटना बताने का कर रहे हैं कृत्य-रामलाल पहले भी गहलोत ने किया था मनोनयन पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय भी मनोनीत पार्षदों की घोषणा नहीं हो पाई थी। मगर उससे पहले गहलोत सरकार के समय 6 पार्षदों का मनोनयन किया गया था। ज्योति खण्डेलवाल के महापौर रहते समय दीपक डंडोरिया, ओमप्रकाश पुड़ीवाला, विनित सांखला सहित 6 लोगों को मनोनीत पार्षद बनाया गया था।