रामपाल जाट ने कहा प्रदेश के किसान अपना आंदोलन तेज करेंगे। 21 सितंबर को कोई भी किसान अपनी उपज को लेकर मंडियों में नहीं आएगा और सभी 247 मंडियां बंद रहेंगी। उनका कहना था कि जब तक सरकार किसान विरोधी तीनों कृषि अध्यादेशों को वापिस नहीं लेती विरोध जारी रहेगा।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए तीन कृषि अध्यादेशों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर हरियाणा में किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने कुरुक्षेत्र के पिपली अनाज मंडी में आज रैली का आह्वान किया था, लेकिन हरियाणा सरकार ने इस पर रोक लगा दी। बहाना कोरोना संक्रमण बढऩे का खोजा गया है, धारा 144 लगा दी गई। पुलिस प्रशासन ने मंडी का गेट बंद कर दिया। दरअसल हरियाणा में बीजेपी की सरकार है। वो अपनी ही पार्टी की केंद्र सरकार के खिलाफ अपने राज्य में किसी भी सूरत में रैली नहीं होने देना चाहती। महम के विधायक बलराज कुंडू ने भी किसान बचाओ रैली को अपना समर्थन दिया था। वे भी आज अपने समर्थकों के साथ पीपली जा रहे थे, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
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इसलिए विरोध में किसान
किसानों का कहना है कि इन तीन अध्यादेशों की वजह से कालाबाजारी बढ़ेगी। मंडी व्यवस्था खत्म होने से व्यापारियों की मनमानी बढ़ जाएगी और वे औने पौने दामों में किसानों की फसल खरीदेंगे, किसानों के पास कोई विकल्प नहीं होगा। कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा मिलने से कम्पनियां खेती करेंगी और किसान मजदूर बन कर रहे जाएंगे।