script21 सितंबर को बंद रहेगी प्रदेश की 247 कृषि उपज मंडियां | 247 agricultural produce mandis in the state to remain closed on Septe | Patrika News

21 सितंबर को बंद रहेगी प्रदेश की 247 कृषि उपज मंडियां

locationजयपुरPublished: Sep 10, 2020 07:34:08 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

हरियाणा में किसानों पर लाठीचार्ज का विरोधतीन कृषि अध्यादेश वापस लिए जाने की मांगकिसान महापंचायत ने की मांग

21 सितंबर को बंद रहेगी प्रदेश की 247 कृषि उपज मंडियां

21 सितंबर को बंद रहेगी प्रदेश की 247 कृषि उपज मंडियां

हरियाणा में किसानों पर लाठीचार्ज और तीन कृषि अध्यादेश वापस लिए जाने की मांग को लेकर प्रदेश की सभी कृषि उपज मंडियां 21 सितंबर को बंद रहेंगी। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने इसकी घोषणा की है। उनका कहना है कि शासन व प्रशासन द्वारा हरियाणा में शान्ति पूर्ण आन्दोलन करने वाले किसानों पर लाठी चलाना निंदनीय है। शान्ति,अहिंसा, सत्य पर आधारित आन्दोलन करना किसानों का संवैधानिक अधिकार है। जो सरकार लागत का डेढ़ गुना दाम देने का वायदा कर राज में आई, वहीं उन अन्नदाताओं पर लाठियां बरसा रही है, जो कृषि किसान देश को बचाने के लिए आवाज उठा रहे हैं। उनका कहना था कि देश एवं राजस्थान का किसान ऐसे लोगों को क्षमा नहीं करेंगे।
बंद रहेंगी 247 मंडियां
रामपाल जाट ने कहा प्रदेश के किसान अपना आंदोलन तेज करेंगे। 21 सितंबर को कोई भी किसान अपनी उपज को लेकर मंडियों में नहीं आएगा और सभी 247 मंडियां बंद रहेंगी। उनका कहना था कि जब तक सरकार किसान विरोधी तीनों कृषि अध्यादेशों को वापिस नहीं लेती विरोध जारी रहेगा।
हरियाणा में किसानों पर लाठीचार्ज
आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए तीन कृषि अध्यादेशों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर हरियाणा में किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने कुरुक्षेत्र के पिपली अनाज मंडी में आज रैली का आह्वान किया था, लेकिन हरियाणा सरकार ने इस पर रोक लगा दी। बहाना कोरोना संक्रमण बढऩे का खोजा गया है, धारा 144 लगा दी गई। पुलिस प्रशासन ने मंडी का गेट बंद कर दिया। दरअसल हरियाणा में बीजेपी की सरकार है। वो अपनी ही पार्टी की केंद्र सरकार के खिलाफ अपने राज्य में किसी भी सूरत में रैली नहीं होने देना चाहती। महम के विधायक बलराज कुंडू ने भी किसान बचाओ रैली को अपना समर्थन दिया था। वे भी आज अपने समर्थकों के साथ पीपली जा रहे थे, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
इन अध्यादेशों का विरोध कर रहे किसान
फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन ऑर्डिनेंस
एसेंशियल एक्ट 1955 में बदलाव
फार्मर्स अग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विस ऑर्डिनेंस
इसलिए विरोध में किसान
किसानों का कहना है कि इन तीन अध्यादेशों की वजह से कालाबाजारी बढ़ेगी। मंडी व्यवस्था खत्म होने से व्यापारियों की मनमानी बढ़ जाएगी और वे औने पौने दामों में किसानों की फसल खरीदेंगे, किसानों के पास कोई विकल्प नहीं होगा। कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा मिलने से कम्पनियां खेती करेंगी और किसान मजदूर बन कर रहे जाएंगे।
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