script

mandi closed: राजस्थान में आज बंद रहेंगी 247 मंडियां

locationजयपुरPublished: Sep 21, 2020 12:04:01 pm

केन्द्र सरकार के कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 के विरोध ( protest ) में सोमवार को राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ ( Rajasthan Foods Association ) और किसान महापंचायत ( Kisan Mahapanchayat ) के संयुक्त आह्वान पर राज्य की 247 मण्डियां बंद ( mandi closed ) है। भारत सरकार की ओर लाए तीन किसान बिलों के विरोध में ये बंद रखा गया है। इस बंद का आह्वान किसान महापंचायत ने एक सप्ताह पहले ही बुलाया था। यह बंद हरियाणा में किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में बुलाया गया था।

mandi closed: राजस्थान में आज बंद रहेंगी 247 मंडियां

mandi closed: राजस्थान में आज बंद रहेंगी 247 मंडियां

जयपुर। केन्द्र सरकार के कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 के विरोध में सोमवार को राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ और किसान महापंचायत के संयुक्त आह्वान पर राज्य की 247 मण्डियां बंद है। भारत सरकार की ओर लाए तीन किसान बिलों के विरोध में ये बंद रखा गया है। इस बंद का आह्वान किसान महापंचायत ने एक सप्ताह पहले ही बुलाया था। यह बंद हरियाणा में किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में बुलाया गया था।
राजस्थान राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ के अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता ने बताया कि राज्य की सभी मंडियों के व्यापारियों और आढ़तियों ने व्यापार बंद रखकर मंडी परिसरों में प्रदर्शन करेंगे। केंद्र सरकार के अध्यादेशों से पूरे देश के किसान व व्यापारियों में भारी रोष है। इससे किसान व आढ़ती बर्बाद हो जाएगा। राजस्थान की 247 मण्डियों मेंं व्यापार बन्द रहने के कारण करोड़ों का व्यापार प्रभावित होगा। गुप्ता ने बताया कि 23 सितंबर को पूरे प्रदेश के मंडी कारोबारियों की कार्यसमिति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक बुलाई गई है और इसमें फैसला लिया जाएगा कि आगे इन बिलों को, जो कि अब राज्यसभा से भी पास हो चुके हैं उनका अब कैसे विरोध करना है।
क्यों हो रहा है विरोध
इसी अध्यादेश के अधीन मंडियों से बाहर काम करने वाले व्यापारी, मिलर, वेयरहाउसेज बगैर मण्डी लाइसेन्स तथा बिना मण्डी सेस चुकाये जिंसों की खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। इस कानून के अनुसार राज्य के किसी भी कोने में किसान, ट्रेडर, आढ़तिया क्रय-विक्रय कर सकेंगे तथा राज्य के बाहर भी कृषि जिंस का खरीद-फरोख्त, बिना अनुज्ञापत्र लिए तथा बगैर मण्डी सेस चुकाये कर सकेंगे। इसके कारण मंडियों में कार्यरत व्यापारी व आढ़तियां का व्यापार समाप्त होने के कगार पर पहुंच गया है। तथा मण्डी के बाहर असामाजिक तत्व सक्रिय हो जाएंगे।
क्या है मांगें
व्यपार संघों का केन्द्र सरकार से अनुरोध है कि वे जिस प्रकार इस अध्यादेश के अन्तर्गत मंडी के बाहर मंडी सेस तथा अन्य सेस समाप्त किए हैं, उसी प्रकार मंडियों में भी मण्डी सेस व अन्य सेस समाप्त करें। मंडियों के मेन्टीनेन्स के लिए नोमिनल मेन्टीनेन्स चार्जेज लिए जा सकते हैं। यदि केन्द्र सरकार यह नहीं कर सकती है तो मण्डी के बाहर कार्य करने वाले व्यापारी, मिलर आदि को भी राज्यों में लागू मण्डी टैक्स देय लागू किया जाए।

ट्रेंडिंग वीडियो