बारिश के चलते सड़कों पर बरसाती पानी बह निकला। जिले के सालमगढ़ में तेज हवा से लोहे के चददर भी उड़ गए, हालांकि किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। श्रीगंगानगर में शाम को अचानक धुल के गुबार छाए और उसके बार 41 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवा चली। दुकानों एवं घरों के बाहर लगे ग्रीन नेट उड़ गए। झुंझुनूं में बारिश हुई। बाड़मेर में करीब आधा घंटा तेज बारिश हुई। दोपहर तीन बजे आंधी के बाद बारिश हुई। इस दौरान कई जगह घरों के छप्पर उड़ गए। पेड़ भी धराशाही हुए। जालोर में अधड़ बंद होने पर बारिश हुई। अलवर में गर्मी का असर अधिक रहा। रविवार को अधिकतम तापमान 40 डिग्री व न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
सीकर में कुछेक स्थानों पर बूंदाबांदी को छोड़कर ज्यादातर इलाकों में धूलभरी आंधी चली। जबकि चूरू में पारे के तेवर तीखे रहे। यहां बारिश का दौर थमने से जिले में फिर से तेज गर्मी शुरू हो गई है। रविवार को शाम पांच बजे तक पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया जो प्रदेश में सबसे अधिक दर्ज किया गया। मौसम विभाग की ओर से हनुमानगढ़, नागौर, श्रीगंगानगर, चूरू, बाड़मेर व बारां को छोड़कर सभी जिले में चेतावनी जारी की गई है। यहां 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी आ सकती है।
मानसून के लिए अनुकूल गतिविधियां
विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम की यह गतिविधियां मानूसन के लिए अनूकूल है। इन के बीच मानसून के 1 से 4 जुलाई तक आने के आसार है। मौसम विभाग के डायरेक्टर शिव गणेश ने बताया कि वातावरण में साइक्लोनिक सर्कुलेशन की नम हवाएं और पश्चिमी से शुष्क हवा आपस मेें टकराई है। इससे एक ट्रफ बन गया। यह ट्रफ छत्तीसगढ़ तक बना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम की यह गतिविधियां मानूसन के लिए अनूकूल है। इन के बीच मानसून के 1 से 4 जुलाई तक आने के आसार है। मौसम विभाग के डायरेक्टर शिव गणेश ने बताया कि वातावरण में साइक्लोनिक सर्कुलेशन की नम हवाएं और पश्चिमी से शुष्क हवा आपस मेें टकराई है। इससे एक ट्रफ बन गया। यह ट्रफ छत्तीसगढ़ तक बना है।