बीते 14 दिसंबर को दुर्घटना में गंभीर घायल हुए हरीश उर्फ हरिराम को बचाने की काफी कोशिश हुई, लेकिन लगातार बिगड़ती स्थित के कारण डॉक्टर्स ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद हरीश की पत्नी मंजू और भाई राधेश्याम को अंग दान करने के बारे समझाया और परिजनों की सहमति के बाद दोनों किडनी और लिवर को दान करने की योजना बनाई। मरीज के लिवर को मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल में भेजा गया था। उस दौरान जयपुर में ग्रीन कॉरिडोर से 8 किमी लंबे रास्ते को सिर्फ 13 मिनट में पार कर लिवर को एयरपोर्ट तक पहुंचा दिया गया।
नारायणा हॉस्पिटल की जोनल क्लीनिकल निदेशक डॉ. माला ऐरन ने बताया कि हरीश की दोनों किडनी का प्रत्यारोपण जयपुर में ही हुआ। हरीश की एक किडनी नारायणा हॉस्पिटल में ही 39 वर्षीय गंभीर मरीज को प्रत्यारोपित हुई और दूसरी किडनी एसएमएस हॉस्पिटल भेजी गई।