पूर्व चिकित्सा मंत्री एवं विधायक कालीचरण सराफ ने आरोप लगाया है कि अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर कोरोना से लड़ाई में जुटे प्रदेश के चिकित्साकर्मियों में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के मामलों ने राज्य सरकार के दावों की पोल खोल दी है। सरकार की कथनी और करनी में फर्क इस बात से पता चलता है कि एक ओर इन्हें कोरोना वारियर्स कह कर सम्मानित करती है दूसरी ओर उनकी सुरक्षा से खिलवाड़ करती है।
उन्होंने कहा कि मास्क, पीपीई किट व अन्य सुरक्षा उपकरणों की कमी के कारण प्रदेश के लगभग हर जिले में हेल्थ वर्कर संक्रमित हो रहे हैं। राज्य के सबसे बड़े एसएमएस हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर्स, नर्सेस, फार्मासिस्ट, कंप्यूटर ऑपरेटर, वार्ड ब्वॉय, लैब टेक्नीशियन व गॉर्ड सहित 280 हेल्थ वर्कर्स संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से अधिकतर में तो संक्रमण के कोई लक्षण ही नहीं हैं। संक्रमण फैलने की आशंका के कारण सामान्य बीमारियों के मरीज भी हॉस्पिटल में आने से डरने लगेंगें।*
उन्होंने कहा कि मास्क, पीपीई किट व अन्य सुरक्षा उपकरणों की कमी के कारण प्रदेश के लगभग हर जिले में हेल्थ वर्कर संक्रमित हो रहे हैं। राज्य के सबसे बड़े एसएमएस हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर्स, नर्सेस, फार्मासिस्ट, कंप्यूटर ऑपरेटर, वार्ड ब्वॉय, लैब टेक्नीशियन व गॉर्ड सहित 280 हेल्थ वर्कर्स संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से अधिकतर में तो संक्रमण के कोई लक्षण ही नहीं हैं। संक्रमण फैलने की आशंका के कारण सामान्य बीमारियों के मरीज भी हॉस्पिटल में आने से डरने लगेंगें।*
सराफ ने कहा कि आखिर किस आधार पर चिकित्सा मंत्री अपनी पीठ थपथपाते हुए प्रदेश में जांच का दायरा 25 से 40 हजार प्रतिदिन करने तथा कोरोना की स्थिति नियंत्रण में होने का दावा करते हैं, जबकि जांचों का दायरा बढ़ाने वाले, लैब स्थापित करने वाले, किट की जांच करने वाले तथा रिपोर्ट तैयार करने वाले हेल्थ वर्कर ही संक्रमित हो रहे हैं। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि सरकार को प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करने तथा हेल्थ वॉरियर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समय रहते जरूरी कदम उठाने चाहिए अन्यथा प्रदेश में कोरोना को बेकाबू होने से रोकना मुश्किल हो जायेगा।