कार में किया सामूहिक बलात्कार
विशिष्ट लोक अभियोजक के मुताबिक पीडि़ता अपने परिजनों के साथ खेत पर रहती थी। आरोप है कि 4 अगस्त 2015 की शाम को वह हैंडपम्प पर हाथ-पैर धो रही थी। इस दौरान वहां नरेश उर्फ पपिया, नेकाराम, गणपत और सुरेश कार लेकर पहुंचे तथा किशोरी को कार में बैठा लिया। आरोपियों ने कार में बैठाने के बाद किशोरी को झांसा देकर नशीला पदार्थ खिलाया और उसे दो-तीन घंटे तक कार में घुमाते रहे। आरोप था कि इस दौरान तीनों ने किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार किया। जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद आरोपी उसे बेहोशी की हालत में उसके खेत के पास छोड़ कर फरार हो गए। परिजनों ने उसे देखा और संभाला।
विशिष्ट लोक अभियोजक के मुताबिक पीडि़ता अपने परिजनों के साथ खेत पर रहती थी। आरोप है कि 4 अगस्त 2015 की शाम को वह हैंडपम्प पर हाथ-पैर धो रही थी। इस दौरान वहां नरेश उर्फ पपिया, नेकाराम, गणपत और सुरेश कार लेकर पहुंचे तथा किशोरी को कार में बैठा लिया। आरोपियों ने कार में बैठाने के बाद किशोरी को झांसा देकर नशीला पदार्थ खिलाया और उसे दो-तीन घंटे तक कार में घुमाते रहे। आरोप था कि इस दौरान तीनों ने किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार किया। जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद आरोपी उसे बेहोशी की हालत में उसके खेत के पास छोड़ कर फरार हो गए। परिजनों ने उसे देखा और संभाला।
एक को मिला संदेह का लाभ बाद में परिजनों ने फालना थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने जांच के बाद नरेश, सुरेश, नेकाराम व गणपत को सामूहिक बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश ने सुनवाई पूरी करते हुए आरोपी सुरेश को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया, जबकि अभियुक्त नरेश, नेकाराम व गणपत को बीस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने अर्थदंड से भी दंडित किया है, जबकि 75 हजार रुपए पीडि़ता को भुगतान के आदेश दिए है।