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वर्दी में गए थे, तिरंगे में लौटे मरुधरा के तीन सपूत, एयरपोर्ट पर दी सलामी और श्रद्धांजलि

locationजयपुरPublished: Jun 13, 2018 11:19:15 pm

Submitted by:

Dinesh Gautam

जम्मूकश्मीर में पाकिस्तान की ओर से हुई गोलाबारी में प्रदेश के तीन सपूत शहीद हो गए। 13 जून की रात जयपुर एयरपोर्ट पर राजकीय सम्मान के साथ लाया गया। यहां पर आर्मी के अधिकारी, पुलिस, प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और परिजनों ने श्रद्धांजलि दी।

3 martyrs of Rajasthan in Kashmir, brought indianflag of jaipur

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जयपुर
जम्मूकश्मीर में पाकिस्तान की ओर से हुई गोलाबारी में प्रदेश के तीन सपूत शहीद हो गए। 13 जून की रात जयपुर एयरपोर्ट पर राजकीय सम्मान के साथ लाया गया। यहां पर आर्मी के अधिकारी, पुलिस, प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और परिजनों ने श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शहीदों को सम्मान के साथ सड़क मार्ग से परिजनों और सेना की टुकडि़यों के साथ पैतृक गांव के लिए रवाना किया गया।
गोलीबारी में भरतपुर निवासी और जयपुर के मानसरोवर में रह रहे असिस्टेंट कमांडेट जितेन्द्र सिंह, अलवर के हंसराज और सीकर के रामनिवास शहीद हो गए। हंसराज बीएसएफ में कांस्टेबल थे और रामनिवास एएसआई थे। वहीं जितेंद्र के माता—पिता एक दिन पहले ही जितेन्द्र से मिलकर लौटे हैं, दरवाजे पर लौटकर उन्होंने दस्तक दी और ये मनहूस खबर पीछे—पीछे आ गई।
पाकिस्तान ने किया सीजफायर का उल्लंघन

आपको बता दे कि रात करीब 2 बजे जम्मूकश्मीर में पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन करते हुए हमला किया था। जम्मू के सांबा में आज सवेरे शहीद हुए जितेन्द्र के रजत पथ स्थित मकान में जैसे ही माता-पिता घुसे कुछ ही देर में बेटे के शहीद होने की खबर आ पहुंची। इधर जयपुर में परिजनों और अन्य लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद होने की जानकारी आते ही जितेन्द्र के घर सेना और पुलिस के अफसर पहुंचने लगे।
भरतपुर निवास, जयपुर में मकान

जितेन्द्र के पारिवारिक मित्र इंद्रेश कुमार ने बताया कि जितेन्द्र का परिवार मूलत: भरतपुर के भूसावर का रहने वाला है। यही कारण है उनका अंतिम संस्कार भरतपुर में ही किया जाना है। एयरपोर्ट से ही जितेंद्र समेत तीनों शहीदों के पार्थिव देह को भरतपुर, सीकर और अलवर भेज दिया गया है। जितेन्द्र के छोटे भाई दीपक ने बताया कि बड़े भाई ने राजस्थान कॉलेज और राजस्थान विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की थी।
आठ साल पहले ही ज्वॉइन की थी बीएसएफ

साल 2010 के बाद जितेंद्र ने बीएसएफ ज्वाइन की थी। चार साल से वे जम्मू में ही तैनात थे। शहीद की खबर सुनने के बाद सांगानेर एमएलए घनश्याम तिवाड़ी भी जितेन्द्र के घर पहुंचे और परिजनों को ढांढ़स बंधाया। वहीं एयरपोर्ट पर शहीदों के सम्मान में जयपुर के महापौर अशोक लाहोटी, सांसद रामचरण बोहरा, पुलिस अधिकारी, आर्मी के अधिकारी और जवान और नागरिकों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।
तिरंगे में लिपट कर आए शहीद

देश की आन—बान—शान के लिए सीमा पर हमारे जवान तैनात है उसी तिरंगे में शहीद लिपटकर आए तो माहौल गमगीन हो गया। जितेंद्र का भाई दीपक तो खुद को रोक नहीं पाया और एयरपोर्ट पर ही निढाल हो गया। हालांकि परिचितों ने उसे सहारा दिया तो उसने भी शहीद भाई को सलामी दी।

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