इससे पहले विधायक सतीश पूनियां के मूल प्रश्न के जवाब में कटारिया ने बताया कि राज्य में जोजोबा की खेती के लिए दी एसोसिएशन ऑफ राजस्थान जोजोबा प्लांटेशन एंड रिसर्च प्रोजेक्ट जयपुर नामक संस्था 30 नवम्बर 1994 से कार्य कर रही है। इस संस्था द्वारा राजकीय भूमि पर विगत 3 वर्षों में कोई नया जोजोबा उद्यान स्थापित नहीं किया गया। संस्था के पूर्व में स्थापित जोजोबा उद्यानों पर रखरखाव हेतु वर्ष 2017-18 में 13 लाख 39 हजार, वर्ष 2018-19 में 13 लाख 87 हजार रुपए तथा वर्ष 2019-20 में 8 लाख 67 हजार रुपए 10 फरवरी 2020 तक व्यय किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि किसानों के खेत पर नए जोजोबा उद्यान स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन वृक्ष जनित तिलहन योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 में 10 लाख 69 हजार रुपए, वर्ष 2018-19 में 27 लाख 25 हजार रुपए तथा वर्ष 2019-20 में 2 लाख 50 हजार 10 फरवरी 2020 तक रुपए अनुदान दिया गया। कटारिया ने बताया कि संस्था में श्रमिकों के नियोजन के लिए वित्त विभाग के निर्देशानुसार प्रक्रिया अपनाई जा रही है। संस्था की ओर से पंप सेट और ट्रेक्टर के उपयोग के लिए राशि दस हजार से अधिक का डीजल तत् समय प्रचलित दर पर क्रय किया गया। इसके अतिरिक्त राशि दस हजार से अधिक व्यय एवं निविदा जारी की गई, जिसमें वर्ष 2017-18 में शून्य रुपए वर्ष 2018-19 में 18 हजार 372 रुपए नर्सरी के लिए पॉली बेग क्रय किए गए, जिसकी निविदा 6 जून 2018 को जारी की गई तथा वर्ष 2019-20 में शून्य रुपए शामिल हैं।