जेडीए की तिजोरी खाली होने की कगार पर है। अभी केवल 30 करोड़ रुपए बचे हैं, लेकिन जेडीए ने 100 करोड़ रुपए कार्य प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी।
इसमें मुख्य रूप से पृथ्वीराज नगर इलाका शामिल है, जिस मामले में न्यायालय ने भी सख्ती दिखाई है। रोकड़ कहां से आएगी, इसकी प्लानिंग नहीं है।
समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में पृथ्वीराज नगर में सेक्टर रोड से सटे हिस्से में ड्रेनेज सिस्टम पर 20 करोड़ रुपए,
अजमेर रोड से नेवटा के बीच ड्रेनेज कार्य के लिए बीस करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई। इसी तरह पृथ्वीराज नगर में सेक्टर रोड़ पर 16 करोड़ रुपए और अंदरुनी सड़क निर्माण पर 15 करोड़ रुपए खर्च करने की मंजूरी दे दी। हालांकि, यह राशि उन कॉलोनियों में खर्च होगी, जिनके नियमन शिविर लगाए जाएंगे। इसके अलावा पीएचई शाखा को वार्षिक मेंटीनेंस के लिए रेट कांट्रेट की स्वीकृति दी गई। इसमें 5—5 करोड़ रुपए के चार प्रस्ताव हैं। गौरतलब है कि जेडीए की आर्थिक हालात बहुत खराब चल रहे हैं। जमीन बिक नहीं रही और नियमन शिविर बंद हैं। इससे आय के स्त्रोत पूरी तरह बंद हैं। जबकि, द्रव्यवती नदी सहित 8 बड़े प्रोजेक्ट के लिए लोन ले रखा है।
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जहां ज्यादा आबादी नहीं, वहां पहले
काम ..
पीएचई से जुड़े पानी, सीवरेज लाईन बिछाने और बिजली विंग के एचटी, एलटी लाईनों को शिफ्ट करने, नई लाईटें लगाने के प्रस्तावों को भी स्वीकृत किया है। बताया जा रहा है कि इनमें अधिकांश प्रोजेक्ट तो ऐसे है, जो दूर दराज क्षेत्र में होने है और वहां जनता रहती ही नहीं है।
नींदड़ योजना का ले-आउट प्लान मंजूर
सीकर रोड पर नीदड़ योजना के ले-आउट प्लान का भी अनुमोदन किया। योजना में ए व बी ब्लॉक सृजित किए हैं। दोनों ब्लॉक में प्रभावित काश्तकार—खातेदारों को बतौर मुआवजा भूखंड दिए जाएंगे। ए ब्लॉक में 112.50 वर्गमीटर के 104 आवासीय भूखण्ड और 9 वर्गमीटर की 116 दुकान सृजित की है। इसी तरह बी ब्लॉक में 112.50 वर्गमीटर के 235 भूखण्ड, 162 वर्गमीटर के 32, 540 वर्गमीटर के 14 व्यावसायिक भूखण्ड, 612 वर्गमीटर के सात और एक हजार वर्गमीटर के 4 भूखण्ड सृजित किए गए।