एसएमएस अस्पताल परिसर में नो पार्किंग में खड़े वाहनों को यातायात पुलिस के सहयोग से जप्त किया जा रहा है। एक माह में परिसर से नो पार्किंग में खड़े करीब 250 से 300 वाहनों को अब तक जप्त किया जा चुका है। खास बात यह है कि इनमें अधिकतर वाहन अस्पताल स्टाफ के ही हैं। पुलिस की माने तो अस्पताल में इस तरह की पहली कार्रवाई चल रही है। वहीं दूसरी ओर संदिग्धों की धर पकड़ भी की जा रही है। लेकिन फिलहाल वाहन चारी के मामले में पुलिस किसी खास नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। बहरहाल चोरों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस प्रशासन अब पहले से ज्यादा सर्तक तो नजर आ रही है। इसके लिए अस्पताल में निगरानी के लिए मोती डूंगरी थाने का आधा जाप्ता लगाया गया है।
डॉ एसएस यादव, प्रवक्ता एसएमएस अस्पताल ने कहा की अस्पताल स्टाफ को वाहन पार्किंग क्षेत्र में ही खड़े करने चाहिए। नो पार्किंग में वाहन स्टाफर्स खड़े कर रहे हैं तो यह गलत है। जिन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे नहीं है वहां जल्द लगवाएं जाएंगे।
प्रदीप यादव, थानाधिकारी मोती डूंगरी थाना ने कहा की अस्पताल परिसर में पुलिस ने वाहन चोरी संभावित क्षेत्रों का बोर्ड लगाया हुआ है। इसके बावजूद लोग कहीं भी वाहन खड़े कर देते हैं। ऐसे में वाहन चोरों के लिए भी वाहन चुराना आसान हो जाता है।
जहां घटनाएं वहीं सीसीटीवी कैमेरे नदारद एसएमएस अस्पताल में 50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे निगरानी के लिए लगे हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि जिन जगहों पर वाहन चोरी की घटनाएं हुई हैं, उन स्थानों पर एक भी सीसीटीवी नहीं है। जानकारी के अनुसार गेट नंबर 2, 5 और 6 पर वाहन चोरी की घटनाएं ज्यादा हो रही है। जहां सीसीटी कैमरे है ही नहीं।
फैक्ट फाइल 10 वाहन चोरी हुए साल 2017 में
35 वाहन चोरी हो चुके इस साल दो माह में ही
50 से ज्यदा सीसीटीवी कैमरे लगे अस्पताल में
03 गेटों से चोरी हो रहे वाहन, जहां कैमेरे ही नहीं
30 से ज्यादा नो पार्किंग में खड़े वाहन यातायात पुलिस रोज कर रही जप्त
35 वाहन चोरी हो चुके इस साल दो माह में ही
50 से ज्यदा सीसीटीवी कैमरे लगे अस्पताल में
03 गेटों से चोरी हो रहे वाहन, जहां कैमेरे ही नहीं
30 से ज्यादा नो पार्किंग में खड़े वाहन यातायात पुलिस रोज कर रही जप्त
परिसर ही वाहन चोरी संभावित क्षेत्र खास बात यह है कि परिसर में ही पुलिस ने कुछ माह पहले चोरी संभावित क्षेत्र लिखे बोर्ड को कई जगह लगाया था। सोचने वाली बात यह है कि ऐसे बोर्ड परिसर के बाहर कही लगे होतो वाहन सुरक्षा की जिम्मेदारी वाहन मालिक की हो सकती है, लेकिन पुलिस ने जब परिसर के भीतर ही बोर्ड लगा दिए तो वाहनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसके भरोसे है। हालाकि पुसिल बोर्ड लगाने के पीछे आमजन को आगाह करने का तर्क दे रही है।