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भरतपुर के 300 रुपए, चाहे दौसा उतरो, किराया पूरा देना होगा

locationजयपुरPublished: Sep 21, 2018 12:14:37 pm

Submitted by:

Vijay Sharma

हड़ताल से कितनी परेशान हैं जनता, रोडवेज प्रशासन ने कर्मचारियों से कराई जांच, शहर के आधा दर्जन से अधिक बस स्टॉप पर यात्री बनकर गए कर्मचारी निजी और लोकपरिवहन दो से तीन गुना अधिक किराया वसूल रहे लोगों से

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​भरतपुर के 300 रुपए, ​चाहे दौसा उतरो, किराया पूरा देना होगा​

जयपुर। रोड़वेज की हड़ताल का फायदा निजी और लोकपरिवहन बसों को हो रहा है। इसके चलते यात्रियों से दो से तीन गुणा अधिक किराया वसूला जा रहा है। राजधानी में सिंधी कैंप सहित आधा दर्जन बस स्टॉप पर यात्रियों से भारी लूट हो रही हैं। लेकिन मजबूरन यात्री इन्हीं बसों में सफर कर रहे हैं। यह बात हम नहीं बल्कि सिंधी कैंप प्रशासन की ओर से कराई जांच में सामने आई है। हड़़ताल के कारण यात्रियों को कितनी परेशानी हो रही हैै और निजी—लोकपरिहन बसों में क्या किराया वसूला जा रहा है। सिंधी कैंप बस स्टैंड प्रशासन ने कर्मचारियों आधा दर्जन स्टॉप पर भेजकर बॉगस ग्राहक बनाकर जांच कराई तो सामने आया कि रोडवेज हड़ताल में यात्रियों की जेब कट रही है। आलम यह है कि भरतपुर का किराया 300 रुपए तक वसूला जा रहा है, ऐसे में अगर दौसा उतरना है तो किराया पूरा ही देना होगा। इससे साफ जाहिर है यात्री मनमर्जी का शिकार हो रहे हैं।गुरूवार को प्रशासन ने ऐसे ही 300 से अधिक वाहनों की सूची तैयार की। जिन्हें जानकारी के लिए विभाग को भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि गुरूवार को रोडवेज की हड़ताल के चार दिन पूरे हो गए। रोडवेज बसें नहीं चलने के कारण रोज 55 हजार यात्री शहर से निजी बसों में ही सफर करने को मजबूर हैं। ऐसे में लोकपरिहन और निजी बसों की ओर से मनमानी की जा रही है। परमिट लेकर हो रही लूट रोडवेज के हड़ताल की घोषणा के साथ ही परिवहन विभाग ने निजी वाहनों को यात्रियों के आवागमन के लिए अस्थाई परमिट जारी किए थे। साथ ही सभी रोड़वेज बसों का किराए लेने के लिए पाबंद भी किया था। लेकिन विभाग के आदेशों की पालना नहीं की जा रही है। अस्थाई परमिट लेकर बस चालक यात्रियों को लूट रहे हैं। हैरानी की बात है कि चार दिनों में अभी तक परिवहन विभाग के उडनदस्तों ने अभी तक एक भी बस के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है।
कहां के लिए कितनी लूट
स्थान रोडवेज किराया निजी बस किराया
दिल्ली 274 400
कोटपूतली 125 200
भरतपुर 195 300
आगरा 245 350
सीकर 120 200
रींगस 70 150
बीकानेर 360 550
अजमेर 145 300
ब्याबर 195 350
कोटा 250 400
जोधपुर 330 500
यात्रियों से अधिक किराया वसूला जा रहा है। इसके लिए परिवहन विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए। बस संचालकों को निर्धारित किराए में ही यात्रा कराने के लिए पाबंद भी किया हुआ है। सांवरमल वर्मा, एमडी रोडवेज
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