हर लॉकडाउन में पुलिस ने हमें समझाया, लेकिन हमने यह सब किया
प्रदेश की आबादी करीब साढ़े सात करोड की है। अब तक चार लॉकडाउन में छह लाख से भी ज्यादा लोगों ने नियमों का उल्लघंन किया है इस आबादी में से। जयपुर शहर सबसे उपर रहा है नियम तोडने के मामलों में। लोग मास्क नहीं लगा रहे, सड़कों पर थूक रहे हैं और कर्फ्यू इलाकों में गतिविधी कर रहे हैं। ऐसे में प्रदेश में अब तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने और मास्क नहीं पहनने जैसे कारणों की वजह से करीब 6 लाख लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इसके अलावा सार्वजनिक जगह थूकने पर पुलिस 233 लाेगाें काे पकड़ चुकी है। दूसरी ओर मास्क नहीं लगाकर आने वाले ग्राहकाें काे सामान बेचने पर 3984 दुकानदाराें पर भी जुर्माना लगाया गया है। इस तरह पुलिस ने अब तक 42 हजार 986 लाेगाें के खिलाफ कार्रवाई करके इनसे 86,63,300 रु. का जुर्माना वसूला है। पिछले 24 घंटे में पुलिस ने 2903 लाेगाें पर जुर्माना लगाकर 5,37,900 रुपए वसूल किए हैं। लाॅकडाउन का उल्लंघन करने पर 17 हजार 486 लाेगाें काे गिरफ्तार किया जा चुका है। साथ ही एक लाख 37 हजार 59 वाहनाें काे सीज किया गया है। इनसे करीब छह कराेड़ 96 लाख रु. का जुर्माना वसूला गया है। साेशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के मामले में पुलिस ने 211 मामले दर्ज किए हैं।
प्रदेश में करीब चालीस लाख से ज्यादा लोग अब भी घरों में ही कैद हैं। लाॅकडाउन 4.0 में भले राज्य सरकार ने घराें से बाहर निकलने और दुकान-दफ्तर जाने की छूट दे दी हाे लेकिन अब भी काेराेना संक्रमण के चलते प्रदेश लाखों जनता घराें में कैद हैं। प्रदेश में 237 जगहाें पर कर्फ्यू लगा हुअा है। जहां इमरजेंसी हाेने पर पुलिस की अनुमति से ही आ जा सकते हैं। इन 45 लाख लाेगाें के घराें के बाहर पुलिस दिन-रात पहरा लगा रही है। जयपुर में परकाेटे के चाराें थाना इलाकाें में पूरे क्षेत्र में कर्फ्यू लगा है। प्रदेश के 32 जिलाें में 331 थाना इलाकाें में से 237 जगह पर काेराेना संक्रमण के चलते करीब आधा आधा किलाेमीटर के दायरे में कर्फ्यू लगा हुआ है। इसमें करीब 15 हजार से ज्यादा पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि इन कर्फ्यूग्रस्त इलाके से काेई बाहर नहीं निकल सके।
पुलिस के सख्त पहरे में तो छह लाख लोगों ने जुर्माना भरा और नियम तोड़े लेकिन अब सरकार ने जब अनलॉक फेज शुरू कर दिया है तो हमारी बेजद जिम्मेदारी बनती है कि हम पूरी तरह से सरकार की गाइडलाइन का पालन करें। ऐसा नहीं करने पर हो सकता है पुलिस की सख्ती से तो जैसे—तैसे बच जाएं लेकिन कोरोना को खुला आमंत्रण दे सकते हैं। पुलिस अधिकारियों का भी यही कहना है कि अब एक जून से नियमों में ढील देने के बाद जनता ही नियमों का पालन कर कोरोनो को हरा सकती है।