ट्रैफिक लाइट खत्म होने से हर साल बचेगा 40 करोड़ का डीजल-पेट्रोल
शहर के प्रमुख चौराहों पर आवाजाही सुगम करने के लिए शनिवार को हुई जेडीए में बैठक में तय किया गया कि योजना के पहले चरण में बी-टू बाइपास और ओटीएस चौराहे के अलावा लक्ष्मी मंदिर तिराहे पर काम होगा।

जयपुर। शहर के प्रमुख चौराहों पर आवाजाही सुगम करने के लिए शनिवार को हुई जेडीए में बैठक में तय किया गया कि योजना के पहले चरण में बी-टू बाइपास और ओटीएस चौराहे के अलावा लक्ष्मी मंदिर तिराहे पर काम होगा। यहां पर अंडरपास से लेकर क्लोअर लीफ तक बनाए जाएंगे।
इसके अलावा जवाहर सर्कल पर सौंदर्यन भी होगा। वहीं, दूसरे चरण में रामबाग सर्कल, जेडीए सर्कल और चौमंू हाउस सर्कल पर निर्माण कार्य शुरू होगा। इन छह चौराहों से ट्रैफिक लाइट खत्म होने से हर वर्ष करीब 40 करोड़ रुपए का डीजल-पेट्रोल बच सकेगा। बैठक में आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया ने प्रजेंटेशन दिया।
ये होगा फायदा
लोगों को मिलेगी परेशानी से निजात : ट्रैफिक लाइट खत्म होने से वाहन चालकों का मानसिक तनाव खत्म होगा। पीक आवर्स में लोग इन चौराहों पर परेशान होते देखे जा सकते हैं।
एयर क्वालिटी : चौराहों पर खड़े होने की वजह से वाहन धुआं छोड़ते हैं। इससे वातावरण को नुकसान होता है। बैठक में दावा किया गया कि चौराहों पर अंडरपास और क्लोअर लीफ से 60 फीसदी समय बच सकेगा।
नवम्बर में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने इन सभी प्रोजेक्ट की मौके पर जाकर जानकारी ली थी। 15 मार्च तक सभी की फिजिबिलिटी रिपोर्ट मांगी है। 18 महीने में प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
गौरव गोयल, जेडीसी
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