वर्कर्स के नाम व मोबाइल नंबर भी दिए मंत्रालय ने सभी राज्यों को हेल्थ वर्कर की सूची भी सौंपी है। इसमें हेल्थ वर्कर के नाम व मोबाइल नंबर की भी सूची है। सभी जिलों के कलक्टरों को यह सूची भेजी जा रही है। कलक्टर अपने जिले की स्थिति के हिसाब से हेल्थ वर्कर्स की सेवाएं ले सकेंगे।
छह महीने से एक साल का प्रशिक्षण
छह महीने से एक साल का प्रशिक्षण
ग्रामीण विकास विभाग व स्किल इंडिया की ओर से देशभर में 30 हजार से अधिक स्किल डवलपमेंट सेंटर्स का संचालन किया जाता है। इसमें लगभग 295 से अधिक तरह की ट्रेड में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। कोरोना के युद्ध में उतरने वाले हेल्थ वर्कर ने छह महीने से एक साल का प्रशिक्षण लिया हुआ है।
किस राज्य में कितने हेल्थ वर्कर
राजस्थान: 1714 आन्ध्रप्रदेश: 3508 अरुणाचल प्रदेश: 27 असम: 3040 छत्तीसगढ़: 1674 गुजरात: 808 हरियाणा: 402 हिमाचल प्रदेश: 832 जम्मू-कश्मीर: 994 झारखंड: 1939
राजस्थान: 1714 आन्ध्रप्रदेश: 3508 अरुणाचल प्रदेश: 27 असम: 3040 छत्तीसगढ़: 1674 गुजरात: 808 हरियाणा: 402 हिमाचल प्रदेश: 832 जम्मू-कश्मीर: 994 झारखंड: 1939
मध्यप्रदेश: 1580 महाराष्ट्र: 2575 पंजाब: 563 उत्तरप्रदेश: 3736 उत्तराखंड: 390
मरीजों की सेवा करना फर्ज, कोई डर नहीं बालोतरा. विश्व महामारी कोरोना रोकथाम व नियंत्रण कार्य में चिकित्सक, नर्सिंग स्टॉफ, समाजसेवी जी-जान से जुटे हुए हैं। स्वयं की परवाह किए बगैर मरीजों का उपचार कर रहे तो उन तक पहुंच उनकी मदद कर रहे हंै। बालोतरा के वरिष्ठ शिशु रोग चिकित्सक कमल मूंदड़ा ने बताया कि मरीजों की सेवा करने में उन्हें खुशी मिलती है, यह उनका धर्म व कत्र्तव्य है। पत्नी उमा मंूदड़ा, पुत्र प्रतिक ने महामारी के इन दिनों में उनका उत्साह बढ़ाया, एक बार भी नहीं कहा कि स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए अवकाश लेकर घर में रहें। वे प्रतिदिन 50 से 60 मरीज देखते हैं। वार्ड का निरीक्षण कर भर्ती मरीजों का उपचार करते हैं। आपातकालीन सेवाएं देने भी पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पुत्री पूर्वा मंूदड़ा, उदयपुर मेडिकल कॉलेज की छात्रा है। उसका अंतिम वर्ष है। महामारी में जरूरत पडऩे पर वह भी अनुभव आधार पर सेवाएं देंगी, । इसके लिए उन्हें बड़ी खुशी होगी।
– डॉ. कमल मंूदड़ा, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक
मरीजों की सेवा करना फर्ज, कोई डर नहीं बालोतरा. विश्व महामारी कोरोना रोकथाम व नियंत्रण कार्य में चिकित्सक, नर्सिंग स्टॉफ, समाजसेवी जी-जान से जुटे हुए हैं। स्वयं की परवाह किए बगैर मरीजों का उपचार कर रहे तो उन तक पहुंच उनकी मदद कर रहे हंै। बालोतरा के वरिष्ठ शिशु रोग चिकित्सक कमल मूंदड़ा ने बताया कि मरीजों की सेवा करने में उन्हें खुशी मिलती है, यह उनका धर्म व कत्र्तव्य है। पत्नी उमा मंूदड़ा, पुत्र प्रतिक ने महामारी के इन दिनों में उनका उत्साह बढ़ाया, एक बार भी नहीं कहा कि स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए अवकाश लेकर घर में रहें। वे प्रतिदिन 50 से 60 मरीज देखते हैं। वार्ड का निरीक्षण कर भर्ती मरीजों का उपचार करते हैं। आपातकालीन सेवाएं देने भी पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पुत्री पूर्वा मंूदड़ा, उदयपुर मेडिकल कॉलेज की छात्रा है। उसका अंतिम वर्ष है। महामारी में जरूरत पडऩे पर वह भी अनुभव आधार पर सेवाएं देंगी, । इसके लिए उन्हें बड़ी खुशी होगी।
– डॉ. कमल मंूदड़ा, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक