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राजस्थान में 449 बांध खाली, मानसून पर टीकी आस, सूखे की आहट, पढ़ें पूरी खबर

locationजयपुरPublished: May 25, 2022 12:08:25 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

Condition Of Dams In Rajasthan : राजस्थान में जितनी भीषण गर्मी पड़ रही है उसी हिसाब से बांधो में पानी कम होता जा रहा है। मात्र आठ माह के दौरान बांंध 34 प्रतिशत खाली हो गए। बड़ी बात यह है कि वर्तमान में राजस्थान के 449 बांध खाली पड़े हैं, ऐसे में सूखे की आहट से इनकार नहीं किया जा सकता।

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प्रदेश में मानसून के अलग-अलग मिजाज

विनोद सिंह चौहान
condition of dams in rajasthan : राजस्थान में जितनी भीषण गर्मी पड़ रही है उसी हिसाब से बांधो में पानी कम होता जा रहा है। मात्र आठ माह के दौरान बांंध 34 प्रतिशत खाली हो गए। बांधों में पानी की आवक की बात करें तो वर्ष 2020 में जितना पानी आया था, उतना पानी 2021 में नहीं आया। यदि इस बार मानसून की बारिश असर नहीं दिखा पाई तो भारी परेशानी खड़ी होगी। उधर, जोधपुर संभाग के बांधों की तो कमर ही टूट गई, यहां 123 बांधों को मिलाकर कुलभराव क्षमता का मात्र 1.6 प्रतिशत पानी ही बचा है। यदि इस मानसून जोधपुर संभाग में मेहर नहीं बरसी तो सूखे के हालात हो जाएंगे।

सितंबर की बारिश ने दी थी संजीवनी
राजस्थान के बांधों को पिछले साल सितंबर की बारिश ने संजीवनी दी थी। उसके बाद भी बांधों में पिछले साल जितना पानी भी नहीं आ सका। गत 28 सितंबर को बांधों के जलस्तर की बात करें तो भराव क्षमता का कुल 8898.59 एमक्यूएम यानि 70.48 प्रतिशत पानी था। जबकि वर्ष 2020 को इसी दिन 9044.71 एमक्यूएम यानि 71.63 प्रतिशत पानी था। वतर्मान स्थिति की बात करें तो कुल भराव क्षमता का 4588.13 एमक्यूएम यानि 36.34 प्रतिशत पानी ही बचा है।

राज्य में 449 बांध खाली
राजस्थान में छोटे-बड़े मिलाकर कुल 727 बांध हैं, जिनमें से वतर्मान में 449 खाली पड़े हैं और बारिश के पानी का इंतजार है। इन बांधों की कुल भराव क्षंमता 865.25 एमक्यूएम है, जबकि जलसंसाधान विभाग के रेकार्ड में इन बांधों में जीरो प्रतिशत पानी है। पिछले साल 336 बांध ही रीते थे। अब बांधों के सूखने का सिलसिला भी पिछले साल से आगे निकल गया है। खाली बांध भी राजस्थान की चिंता में इजाफा कर रहे हैं।

97 प्रतिशत भरे थे कोटा के बांध
पिछले मानसून के दौरान राजस्थान के सभी बांधों में पानी की आवक की बात करें तो जल संसाधन विभाग ने बांधों के हिसाब से राजस्थान को चार संभाग में बांट रखा है। मानसून में कोटा संभाग में अच्छी बारिश के चलते बांध लबालब हो गए थे। कोटा संभाग के 87 बांधों की कुल भराव क्षमता 4337.74 एमक्यूएम है और मानसून के दौरान (28 सितंबर तक) 4212.49 प्रतिशत पानी की आवक हुई जो 97.1 प्रतिशत था। कोटा में वर्ष 2020 से ज्यादा पानी की आवक हुई थी। वतर्मान में कुल भराव क्षमता का 60.2 प्रतिशत पानी की बचा है। यादि आठ माह के दौरान 37 प्रतिशत पानी कम हो गया।

अन्य संभागों की स्थिति
जयपुर संभाग में 261 बांध हैं, जिनकी पूर्ण भराव क्षमता 2671.12 एमक्यूएम है, जो पिछले साल सितंबर तक 1092.18 एमक्यूएम भरे थे यानि 40.9 प्रतिशत पानी था। जो वर्ष 2020 से 10 प्रतिशत ज्यादा था। लेकिन वतर्मान स्थिति की बात करें तो 16.8 प्रतिशत पानी ही बचा है। जोधपुर के 123 बांधों की कुल भराव क्षमता 976.90 एमक्यूएम है और पिछले सितंबर तक 103.30 एमक्यूएम पानी था, यानि 10.6 प्रतिशत पानी रहा। वतर्मान स्थिति की बात करें तो जोधपुर में कुल भराव क्षमता का मात्र 1.6 प्रतिशत पानी ही बचा है। उधर, उदयपुर के 256 बांधों की कुल भराव क्षमता 4640.55 एमक्यूएम है और पिछले सितंबर में 3490.62 एमक्यूएम पानी रहा जो 75.2 प्रतिशत था। वतर्मान स्थिति पर नजर डाले तो यह 32.6 प्रतिशत है। संभागों के सभी बांधों की कुल भराव क्षमता 12626.32 एमक्यूएम है और पिछले सितंबर में 8898.59 एमक्यूएम पानी था जो कुल भराव क्षमता का 70.48 प्रतिशत रहा। लेकिन वतर्मान में यह 36.34 प्रतिशत रह गया है।

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