एसीएस माइन्स एवं पेट्रोलियम ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से बाड़मेर रिफाइनरी एसपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी की बोर्ड मीटिंग में रिफाइनरी परियोजना की प्रगति और रोडमेप के अनुसार तय समय सीमा में कार्य पूरा कराने के सभी बिन्दुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि एचपीसीएल और राजस्थान सरकार के इस संयुक्त उद्यम की खास बात यह है कि यहां रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स दोनों एकीकृत रुप से बन रहे हैं। रिफाइनरी में बीएस अप मानक के उत्पाद का उत्पादन होगा।
ये इकाईयां होंगी स्थापित
रिफाइनरी में 9 रिफायनरी व 4 पेट्रोकेमिकल सहित 13 प्रोसेस इकाइयां स्थापित होंगी। जिसकी बेसिक डिजाइन इंजीनियरिंग का कार्य पूरा करा लिया गया है। रिफाइनरी साइट पर ही 20950 घनमीटर के जलाशय का निर्माण हो गया है और नाचना एवं टाउनशिप जलाशय का काम प्रगति पर है। इसी तरह से बाड़मेर क्रूड ऑयल पाइप लाइन, प्रातिक गैस एवं पानी की पाइप लाइन बिछाने के सर्वे का काम पूरा हो गया है। वहीं आयातित अरब मिक्स क्रूड ऑयल पाइप लाइन बिछाने का सर्वे कार्य जारी है। बांगूडी से रिफाइनरी तक पानी की पाइप लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो गया है।
इतनी कीमत के क्रय आदेश जारी
एचआरआरएल के सीएमडी एमके सुराणा ने परियोजना के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि बाड़मेर रिफाइनरी देश की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। 43129 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रही रिफाइनरी के लिए सितंबर माह के अंत तक 4654 करोड़ के विभिन्न निर्माण के साथ ही अन्य कार्यों के 22 हजार 495 करोड़ रुपए के क्रय आदेश दिए जा चुके हैं। उन्होंने ने बताया कि रिफाइनरी में साढ़े चार हजार करोड़ से अधिक के कार्य करवाए जा चुके हैं। रिफाइनरी में सभी क्षेत्रें में कार्य ने गति पकड़ी ली हैं। प्रबंधन द्वारा चुनौती के रुप में लेते हुए काम किया जा रहा है। बैठक में एचआरआरएल के निदेशक मंडल के सदस्यों ने हिस्सा लिया।