जयपुर

पशुपालन विभाग में 5.21 करोड़ का घोटाला

चहेती फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए की वैक्सीन खरीदघोटाले के लिए तोड़े नियमजांच रिपोर्ट में दोषी होने के बाद भी कार्यवाही नहीं

जयपुरMay 12, 2021 / 06:32 pm

Rakhi Hajela

पशुपालन विभाग में 5.21 करोड़ का घोटाला

जयपुर.
पशुपालन विभाग (Animal Husbandry) में एफएमडी टीकाकरण अभियान के तहत वैक्सीन खरीद में नियमों को तोड़ते हुए अनावश्यक वैक्सीन खरीद का मामला सामने आया है। जिससे सरकार को 5.21 करोड़ रुपए की वित्तीय हानि होना बताया जा रहा है।
यह है मामला:
खुरपका मुंहपका रोग नियंत्रण कार्यक्रम के9वें राउंड से जुड़ा है मामला
विभाग की जांच रिपोर्ट के मुताबिक इस कार्यक्रम का समय 11 सितंबर 2019 से 20 अक्टूबर 2019 रखा गया था। इस समय का निर्धारण सक्षम स्तर पर नहीं करवाया गया और आवश्यकता के मुताबिक अपने स्तर पर बदल दिया गया।
इस दौरान फर्म मैसर्स ब्रीलियंट बायोफार्मा हैदराबाद को फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारियों ने 13.2 करोड़ रुपए की वैक्सीन खरीद ली।
यह खरीद अधिकारियों द्वारा शासन,मंत्री की स्वीकृति के बिना की गई, जिससे सरकार को 5.21 करोड़ का नुकसान हुआ। जबकि 5 लाख रुपए से अधिक की खरीद के लिए शासन सचिव और पशुपालन मंत्री की स्वीकृति जरूरी थी, जो नहीं ली गई।
केंद्र सरकार या राज्य सरकार के वित्त विभाग से अनुशंसा भी नहीं ली गई।
जब वैक्सीन खरीद के आदेश दिए गए उसके 10 दिन बाद टीकाकरण अभियान की अवधि समाप्त हो रही थी जबकि फर्म से वैक्सीन की आपूर्ति खरीद आदेश दिए जाने के 45 दिन में होनी थी, फिर भी वैक्सीन खरीद की गई।
खरीद के समय विभाग के पास 70.92 लाख डोज उपलब्ध थे फिर भी यह खरीद की गई।
कार्यक्रम के समय में बदलाव
जांच रिपोर्ट के मुताबिक खुरपका मुंहपका रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एफएमडी सीपी) के 9वें राउंड की अवधि 11 सितंबर 2019 से 20 अक्टूबर 2019 रखा गई थी, इस अवधि का निर्धारण भी सक्षम अधिकारी से नहीं करवाया गया और अपने स्तर पर बदल कर 31 नवंबर कर दिया गया। जबकि इस दौरान प्रदेश में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी फॉर एफएमडी एंड ब्रूसोलसिस) चलाए जाने का निर्देश केंद्र सरकार राज्य सरकार को दे चुकी थी लेकिन अधिकारियों ने इसकी अवहेलना करते हुए अपने स्तर पर एफएमडी सीपी कार्यक्रम को आगे बढ़ा दिया।
जांच में दोषी लेकिन आज तक कार्यवाही नहीं
प्रकरण सामने आने पर संज्ञान लेते हुए वित्त विभाग से प्राप्त सुझावों की अनुपालना में पशुपालन विभाग ने 30 जुलाई 2020 को शासन उप सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया। समिति ने 15 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट भी विभाग को सौंप दी लेकिन जांच पूरी होने के बाद भी इस प्रकरण के जिम्मेदार अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
इनका कहना है,
पशुपालन विभाग में अधिकारियों ने बिना शासन स्तर से स्वीकृति के अक्टूबर 2019 में वैक्सीन की नियम विरूद्ध खरीद की और आरोपित अधिकारी पर आज दिन तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। नियम विरुद्ध वैक्सीन खरीद में राज्य सरकार को 5.21 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। राजस्थान वेटरनरी एसोसिएशन की मांग है कि तुरंत प्रभाव से इस प्रकरण में दोषी अधिकारियों पर उचित कार्यवाही हो।
डॉ. इंद्रजीत सिंह, जोनल सेक्रेटरी
इंडियन वेटरनरी एसोसिएशन
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.