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छोटे किसानों के लिए अच्छी खबर, पांच एकड़ तक जमीन अब नहीं हो सकेगी कुर्क व नीलाम

locationजयपुरPublished: Nov 03, 2020 10:59:50 am

Submitted by:

Kamlesh Sharma

राज्य के वे किसान, जिनके पास 5 एकड़ तक की जमीन है, उनकी भूमि पर कुर्क व नीलामी की कार्यवाही नहीं हो सकेगी।

5 acres of land of farmer will not be attached or auction

राज्य के वे किसान, जिनके पास 5 एकड़ तक की जमीन है, उनकी भूमि पर कुर्क व नीलामी की कार्यवाही नहीं हो सकेगी।

जयपुर। राज्य के वे किसान, जिनके पास 5 एकड़ तक की जमीन है, उनकी भूमि पर कुर्क व नीलामी की कार्यवाही नहीं हो सकेगी। इसको लेकर राजस्थान विधानसभा ने सिविल प्रक्रिया संहिता राजस्थान संशोधन विधेयक 2020 सोमवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राज्य सरकार का इरादा है कि 5 एकड़ तक जमीन किसान की कुर्क या नीलाम नहीं हो सके।
यदि किसी किसान की 20 एकड़ जमीन है और वह ऋण लेता है तो 5 एकड़ जमीन छोड़कर शेष जमीन नीलाम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 85 फीसदी किसानों के पास 5 एकड़ तक जमीन है। उनकी जमीन का साहूकार और बैंकों से बचाने के लिए यह प्रावधान लाया गया है। जल्द टीनेंसी एक्ट में भी बदलाव करेंगे।
अभी उसमें साहूकार न्यायालय में जाकर जमीन कुर्क करा सकता है। राष्ट्रीयकृत बैंकों के ऋण लेने वाले किसान की जमीन कुर्क कर नीलाम करने के प्रावधानों को लेकर कहा कि इसके बारे में केन्द्र सरकार को लिखेंगे। राज्य सरकार का यही उद्देश्य है कि 5 एकड़ तक जमीन किसान की कोई भी नीलाम या कुर्क नहीं कर सके।
विपक्ष का आरोप: किसानों के साथ धोखा
इससे पहले उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि सीपीसी में यह प्रावधान लेकर आए हैं। इसका नियम 37 कहता है जमीन नीलाम नहीं कर सकते। जबकि राड़ा एक्ट का सेक्शन 11 और 12 में लिखा है कि बैंक नीलाम कर सकेंगे। लेकिन बैंकों को लेकर केन्द्र सरकार का जो बैंक रेगूलेशन एक्ट 1960 उसके तहत बैंकों से ऋण लेने वालों की जमीन मॉरगेज रखने और डिफॉल्टर होने पर कुर्क कर नीलाम की जा सकती है।
ऐसे में इस विधेयक से किसानों को लाभ नहीं मिला। फिर प्रदेश के 85 फीसदी किसान जो 5 एकड़ से कम भूमि के मालिक हैं, वे जमीन बैंक में मॉरगेज रखकर शिक्षा ऋण, केसीसी व अन्य ऋण लेते हैं।
सभी डिफाल्टर हो गए तो बैंकों का क्या होगा। बैंक डिफॉल्टर की जमीन कुर्क नहीं कर सकेंगे तो उन्हें बैंक ऋण ही नहीं देंगे। ऐसे में किसानों के साथ यह बड़ा धोखा हो रहा है।

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