शारदा खुद को पूरी तरह से स्वस्थ बता रही है और उसे किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हो रही है। कोरोना के दौरान उनका वजन भी ३० से बढ़कर 38 किलो तक पहुंच गया है। चिकित्सकों के अनुसार शारदा में अब कोरोना वायरस सक्रिय नहीं है यानि मृत वायरस है। लेकिन उन्हें आइसोलेशन में रखना जरूरी है। इसलिए उसे 5 माह से दो कमरों के आइसोलेशन कक्ष में रखा गया है।
नहीं मिली हरी झंडी, सो चल रहा उपचार शारदा की रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आने पर अपना घर प्रबंधन ने इन्हें जयपुर भेजने का निर्णय लिया है। इसके लिए जिला कलक्टर एवं सीएमएचओ को पत्र भी लिखा गया है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से इस संबंध में कोई गाइड लाइन नहीं मिली है। ऐसे में शारदा का उपचार अपना घर में ही चल रहा है। एसएमएस जयपुर के माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर कुछ दिन पहले यहां आए थे। उन्होंने महिला को देखा था। अपना घर प्रबंधन समय.समय पर उनसे सलाह भी ले रहा है।
नहीं फैला सकती संक्रमण अपना घर के संस्थापक डॉ.बी.एम. भारद्वाज ने बताया कि शारदा का हाल ही में ७ जनवरी को सेम्पल लिया गया था, जो पॉजिटिव आया है। उसे बेहद कमजोर अवस्था में अपना घर लाया गया था। वह आश्रम की पहली कोरोना पॉजिटिव थीं। शारदा का पहला टेस्ट 28 अगस्त 2020 को हुआ।
भरतपुर के अपना घर की इस महिला का मामला अत्यंत दुर्लभ और मेडिकल जर्नल में रिपोर्ट करने लायक है। अमूमन दो महीने तक वायरस रह सकता है, लेकिन पांच महीने का मामला कम ही सामने आता है।
डाॅ.रमन शर्मा, सीनियर प्रोपफेसर, एसएमएस मेडिकल काॅलेज