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ऑपरेशन क्लीन स्वीप में 500 प्रकरण दर्ज, 635 अभियुक्त गिरफ्तार

locationजयपुरPublished: Jan 18, 2021 11:16:46 pm

Submitted by:

Lalit Tiwari

ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ बस्सी में कार्रवाई

ऑपरेशन क्लीन स्वीप में 500 प्रकरण दर्ज, 635 अभियुक्त गिरफ्तार

ऑपरेशन क्लीन स्वीप में 500 प्रकरण दर्ज, 635 अभियुक्त गिरफ्तार

पुलिस आयुक्तालय द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत सीएसटी टीम ने बस्सी इलाके में दबिश देकर गांजा तस्कर को गिरफ्तार किया। ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत पुलिस कमिश्नरेट की यह 500वीं कार्रवाई है। अब तक अभियान में 85 महिलाओं के साथ 635 तस्कर गिरफ्तार किए जा चुके हैं जिसमें 2 नाबालिग भी शामिल है।
एडिशनल कमिश्नर अजयपाल लांबा ने बताया कि बस्सी से गांजा तस्कर मांगीलाल को गिरफ्तार किया गया हैं। पुलिस ने उसके पास से 700 ग्राम गांजा बरामद किया गया। पुलिस आरोपी से गांजा लाने के बारे में पूछताछ कर रही है।
पूरे शहर में अभियान-
एडिशनल डीसीपी सुलेश चौधरी व निरीक्षक खलील अहमद के नेतृत्व में गठित टीम ने थाना पुलिस के मिलकर पूरे शहर में अभियान चलाया है। कार्रवाई के दौरान कई विदेशी तस्कर भी मादक पदार्थ के साथ पकड़े गए है। पकड़े गए तस्करों में 85 महिला व 2 नाबालिग शामिल है। अभियान के तहत गांजा, अफीम, चरस, स्मैक, डोडा पोस्त, कोकिन, एमडी ड्रग्स बरामद हुई है। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि वे गांजा उड़ीशा, पश्चिम बंगाल, आन्ध्रप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और नेपाल से लाते हैं वहीं अफीम चित्तोड़गढ, झालावाड़, प्रतापगढ़, मंदसौर, नीमच व मालदा से लाई जाती है। ओर स्मैक झालावाड़ व टोंक से लाई जाती है। मॉर्डन ड्र्ग्स, चरस, कोकिन व ब्राउन शुगर हिमाचल प्रदेश, मुम्बई व दिल्ली से लाई जाती है। अभियान में अब तक 36 क्विंटल गांजा, 3 क्विंटल डोडा पोस्त, 17 किलो अफीम, 3 किलो चरस, 1 किलो स्मैक और 17 ग्राम ब्राउन शुगर बरामद कर चुकी है।
गांजा तस्कर के शौकीन है यह लोग-
गांजा पीने वाले गरीब और बेरोजगार मुस्लिम युवा जो कि कच्ची बस्तियों में रहते है। यह लोग स्मैक का सेवन करते है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण ये स्मैक की खरीद फरोख्त के लिए नकबजनी और वाहन चोरी जैसे अपराध भी करते है।
– मध्यम आय वर्ग के बीई, बीकॉम, बीए, बीफार्मेसी, बीटेक की पढ़ाई करने वाले और कोचिंग के छात्र। यह लोग गांजा, मॉर्डन ड्रग्स, ब्राउन शुगर, चरस, नशीले टेबलेट्स और कोडैक्ट फॉस्फेट सीरप का प्रयोग करते है। ये छात्र अपने अभिभावकों की जानकारी के बिना ड्रग्स का सेवन करते है। अध्ययन में कमजोर छात्र समान प्रवृत्ति के अपने साथियों के प्रभाव में आकर इस प्रकार के नशे का सेवन कर रहे हैं। मादक पदार्थों के लिए आवश्यक पैसों की व्यवस्था के लिए इस वर्ग के कुछ युवा छात्र पैडलर और सप्लायर का काम भी कर रहे हैं।
– उच्च आय वर्ग के युवक युवतियां जो महंगे बार, पब क्लब रेस्टोरेंट आदि में जाते है उनके द्वारा गांजा और मॉडर्न ड्रग्स का सेवन किया जाता है।
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