फास्टैग वाहनों को क्या फायदा
फास्टैग लगे वाहन अगर अपनी लेन से निकलेंगे तो समय की बचत के साथ-साथ 2.5 प्रतिशत कैशबैक भी मिलेगा। प्रत्येक ट्रांजेक्शन के बाद फास्टैग से लिंक्ड बैंक खाते में पैसे सीधे जमा हो जाएंगे।
कैसे बनवा सकते हैं
टोल प्लाजा के अलावा बैंक शाखा से वाहन चालक फास्टैग कार्ड बनवा सकते हैं। महज 400 रुपए के खर्च में लाइफटाइम वैलिडिटी मिलेगी। फिर भविष्य में मोबाइल की तरह ही रिचार्ज कर इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। फास्टैग कार्ड लगवाने के लिए टोल प्लाजा के काउंटर के अलावा एनएचएआइ द्वारा एसबीआइ, आइसीआइसीआइ, आइडीएफसी, एचडीएफसी और आइएचएमसीएल को अधिकृत किया है। इसके अलावा ऑनलाइन एप पर भी आवेदन कर सकते हैं।
कैसे काम करता है फास्टैग
फास्टैग, रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडिफिकेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक टैग है।यह वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है, जैसे ही वाहन टोल प्लाजा पर पहुंचता है, वहां लगी डिवाइस गाड़ी की विंड स्क्रीन पर लगे टैग को रीड कर लेती है, और तुरंत टोल कट जाता है।
कौनसे दस्तावेज जरूरी
फास्टैग के लिए वाहन की आरसी, गाड़ी मालिक का पासपोर्ट साइज फोटो, आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ की कॉपी देनी होगी। नेशनल हाइवे पर अब तक टोल से छूट वाले वाहनों पर भी 15 दिसंबर से जीरो बैलेंस फास्टैग लगाना होगा।
100 रुपए का होगा रिचार्ज
टोल फ्री वाले वाहनों को फास्टैग न होने पर ‘टोल फ्री व्हीकलÓ होने का प्रमाण-पत्र देना होगा। ऐसे वाहनों को टोल पर बनी सिंगल कैश लेन से गुजरना पड़ेगा। वहीं फास्टैग कार्ड में कम से कम 100 रुपए से लेकर अधिकतम कितने भी पैसे डलवा सकते हैं, जो उसमें लाइफटाइम तक रहेंगे। कार्ड खराब हो जाने की सूरत में 100 रुपये में नया कार्ड खरीदा जा सकता है।