56 कबूतर हुए आजाद
मकर संक्रांति पर हुए थे घायल

रक्षा संस्थान, वन विभाग राजस्थान, वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया और आइफ़ा की ओर से मंगलवार 26 जनवरी को रिपब्लिक दिवस के मौके पर 56 कबूतरों को आज़ाद किया गया। यह सभी कबूतर मकर सक्रांति के समय ग्लास.कोटेड मन्झे से घायल हुए थे। इसके अलावा संस्थान ने 22 जनवरी से अब तक मांझे से घायल होकर स्वस्थ हुए 2 मोरनी, 1 मोर,1 तीतर,1 ग्रेटर कूकल, 1 इंडियन रोबिन, 4 चील, 2 बार्न आउल, 2 टिटहरी,1 वाइट ब्रेस्टेड वाटर हेन को भी प्राकतिक आवास पर रिलीज किया। 18 वर्ष मे यह पहला साल है जिसमे मकर.सक्रांति पर पक्षी कम घायल हुए, इसका सारा श्रेय जन जागरुकता और कम पतंगबाजी रही। संस्थान के रोहित ने बताया कि इस वर्ष कोविड के बाद बर्ड फ्लू ने दस्तक दी थी इसलिए पक्षियों को रेस्क्यू करना चुनौती भरा था। सभी रेस्क्यू एंड ट्रीटमेंट स्टाफ और वालंटियर्स को पीपई किट्स पहन कर पक्षियों को रेस्क्यू किया और उनका इलाज किया। एक जनवरी से अभी तक करीब 328 पक्षियों का रेस्क्यू किया जा चुका है जिसमें 85 फीसदी कबूतर हैं। डा. अरविन्द माथुर,डॉ. अशोक तंवर, डॉ. राकेश मिश्रा, डॉ. उष्मा पटेल, डॉ. चेतन पातोंद, डॉ. ऐश्वर्या ने करीबन 123 बड़े बर्ड के ऑपरेशन किए ।
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