लोकसभा में 1951 से अब तक कुल 4,843 राजनेता सांसद चुने गए हैं। इन 4,843 में से 2,840 (58.64 फीसदी) ऐसे हैं, जिन्हें पहले कार्यकाल के बाद फिर सांसद बनने का मौका नहीं मिला। यानी प्रत्येक पांच में तीन नेता लोकसभा के लिए फिर से नहीं चुने गए।
यही नहीं, गत 68 वर्षों में जो 2003 सांसद फिर से चुने गए, उनमें से हर दूसरा सांसद यानी 50 फीसदी तीसरी मर्तबा नहीं चुना गया। लोकसभा में उनका सफर दो बार के कार्यकाल के बाद ही थम गया।
फ्रैंक आठ बार रहे नामित सांसद लोकसभा में राष्ट्रपति की ओर से एंग्लो-इंडियन समुदाय के दो सदस्यों को नामित किया जाता है। अब तक 22 लोगों ने लोकसभा में मनोनीत सांसदों के रूप में कार्य किया है। इनमें से फ्रैंक एंथोनी सर्वाधिक आठ बार और ए. ई. टी. बैरो सात बार मनोनीत हुए।
दोबारा लोकसभा में नहीं पहुंचने के प्रमुख कारण : -चुनाव हार जाना। -टिकट नहीं मिलना। -चुनाव से इनकार कर देना। -राज्यसभा सदस्य बन जाना। -राज्य स्तरीय राजनीति में सक्रिय हो जाना।
सबसे अधिक बार ये पहुंचे लोकसभा सांसद ————-कितनी बार चुने गए —-इन लोकसभा में सांसद रहे इस पद तक पहुंचे
इंद्रजीत गुप्त ———- 11—————— 2 से 5 ,7 से 13 – ——गृहमंत्री
अटल बिहारी वाजपेयी– 10 —————– 2, 4 से 7, 10 से 14 — प्रधानमंत्री
सोमनाथ चटर्जी ——–10 —————— 5 से 14 ————- लोकसभा स्पीकर
पीएम सईद————- 10 ————— —4 से 13 ————- केंद्रीय मंत्री
इंद्रजीत गुप्त ———- 11—————— 2 से 5 ,7 से 13 – ——गृहमंत्री
अटल बिहारी वाजपेयी– 10 —————– 2, 4 से 7, 10 से 14 — प्रधानमंत्री
सोमनाथ चटर्जी ——–10 —————— 5 से 14 ————- लोकसभा स्पीकर
पीएम सईद————- 10 ————— —4 से 13 ————- केंद्रीय मंत्री