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एनआईए में जुटे 600 प्रतिभागी, तलाशी आयुर्वेद में संभावनाएं

locationजयपुरPublished: Jan 19, 2018 04:47:38 pm

Submitted by:

Ashwani Kumar

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में कैंसर पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें देश भर से 600 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए

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परकोटा/जयपुर।

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में कैंसर पर दो दिवसीय कार्यशाला में देशभर से 600 प्रतिभागी जुटे। इस दौरान आयुर्वेद की संभावनाओं पर चर्चा हुई। संस्थान के निदेशक प्रो. संजीव शर्मा ने आने वाले दिनों में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में कैंसर ओपीडी खोलने की भी योजना पर काम किया जा रहा है।
…तो मरीज को कम दर्द सहना पड़ेगा
वैद्य तपन कुमार, वैद्य रणजीत निम्बालकर, और वैद्य दिलीप गाडगील ने आयुर्वेद पद्धति से कैंसर के इलाज पर पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि कीमोथेरैपी और रेडियाथेरैपी के साथ यदि आयुर्वेद को जोड़ दिया जाए तो मरीजों को कई फायदे हो सकते हैं। कैंसर से बचना है तो दिनचर्या में सुधार करना होगा। वक्ताओं ने कहा कि कैंसर पीडि़त यदि शुरुआत से ही आयुर्वेद पद्धति से इलाज कराए तो मरीज को असहाय दर्द नहीं सहना पड़ेगा। ऐलोपैथी इलाज के दौरान जब मरीज स्वस्थ नहीं होता तब वो आयुर्वेद की ओर रुख करता है।
डरें नहीं, भ्रांतियों से बचें और सही समय पर कराएं इलाज
कार्यशाला में एसएमएस मेडीकल कॉलेज के वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ प्रो. हेमंत मल्होत्रा ने कैंसर का आधुनिक पक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि कैंसर से डरने की जरूरत नहीं है। कैंसर को लेकर भ्रांतियां बहुत हैं। शुरुआती दौर में पता चलने के बाद सही समय पर इलाज शुरू हो जाए तो साधारण सी बीमारी है। वक्ताओं ने कहा कि विभिन्न शोधों में साबित हो चुका है कि खान-पान बिगड़ी हुई दिनचर्या से भी कैंसर संभव है।
कैंसर पीडि़तों के साथ के अनुभव को किया साझा
वैद्य रणजीत निम्बालकर ने आयुर्वेद तथा आधुनिक चिकित्सा के कैंसर रोग पर लाभ तथा हानियों के ऊपर प्रकाश डाला। कैसे इन दोनों चिकित्सा पद्धतियों को एक दूसरे के पूरक रूप में कैंसर रोगियों के कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कैंसर रोग पर कार्य करने वाले चिकित्सकों से यह भी आग्रह किया कि वह अपने आयुर्वेदिक चिकित्सा का डॉक्यूमेन्टेशन अवश्य करें। कोलकाता के आयुर्वेद कैंसर विशेषज्ञ वैद्य अभिचल चट्टोपाध्याय ने कैंसर रोग के आयुर्वेदिक निदान तथा चिकित्सा दृष्टिकोण को प्रतिभागियों के साथ साझा करते हुए कैंसर रोगो में अपने अनुभवों को प्रस्तुत किया।
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