यह है विवाद होम्योपैथी, यूनानी और बीडीएस डिग्री रखने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि वे जीएनएन या बीएससी नर्सिंग से ज्यादा योग्यता रखते हैं। इसी वजह से उनको शामिल किया जाना चाहिए। इसी के साथ स्वच्छ प्रतियोगिता का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता छात्रों का कहना है कि प्रतियोगी परीक्षा में जो भी योग्य होगा उसका चयन होगा। इसी वजह से उनको शामिल किया जाना चाहिए।
पहले शामिल करने का था नियम दरअसल सीएचओ के लिए 2017 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन विवादों की वजह से भर्ती का निरस्त कर दिया गया था। उस समय पर आयुष के तहत आने वाले सभी चिकित्सक इसमें शामिल थे। बिहार और छत्तीसगढ़ में इनको शामिल भी किया गया है। लेकिन राजस्थन में इस बार भर्ती योग्यता में इनको शामिल नहीं किया गया।
इनका कहना है दरअसल करीबन सभी भर्तियां कोर्ट तक पहुंच रही है सीएचओ या फिर पैरामेडिकल और सहायक रेडियोग्राफर भर्ती। यह तो अधिकारियों को चाहिए भर्ती निकालने से पहले सभी पक्षों को देखकर योग्यता और भर्ती नियम जारी करें। जिसकी वजह से छात्रों को परेशान नहीं होना पड़े।
रामप्रताप सैनी, अधिवक्ता,