जयपुर

63 सौ पद और 15 सौ से ज्यादा अभ्यर्थी पहुंचे कोर्ट

सीचएओ भर्ती में शामिल करने और नियमों को लेकर असमंजस

जयपुरSep 23, 2020 / 08:40 pm

KAMLESH AGARWAL

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जयपुर।
कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर भर्ती: 2020 में कुल 6310 पदों पर भर्ती होनी है। भर्ती संविदा पर होनी है लेकिन इसके बाद भी भर्ती में शामिल होने के लिए करीबन 1500 से ज्यादा अभ्यर्भी कोर्ट पहुंच चुके हैं। कोर्ट ने भी ज्यादातर मामलों में याचिकाकर्ताओं के आवेदन आॅफलाइन स्वीकार करने के आदेश दिए हैं। साथ ही अब सुनवाई के लिए 25 सितंबर की तारीख तय कर दी है। कोर्ट ने भी अंतरिम आदेश में कहा है कि वर्तमान हालात में भर्ती की प्रक्रिया को रोका नहीं जाना चाहिए। सवाल यह उठता है कि आखिर भर्ती नियम और योग्यता तय करने में चूक किस स्तर पर हुई जिसकी वजह से इतनी बड़ी संख्या में बेरोजगारों को कोर्ट तक पहुंचना पड़ा है। बुधवार को भी हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता छात्रों के फार्म स्वीकार करने के अंतरिम आदेश देते हुए सुनवाई के लिए 25 सितंबर की तारीख तय की है।
राज्य सरकार ने 31 अगस्त 2020 को सीएचओ के लिए नॉनटीएसपी एरिया के लिए 5269 और टीएसपी एरिया के लिए 1041 भर्ती का विज्ञापन जारी किया। जिसमें योग्यता जीएनएन या बीएससी नर्सिंग या बीएएमएस रखी। इसी के विवाद शुरू हो गया और होम्योपैथी, यूनानी, फिजियोथैरेपी और बीडीएस करने वाले कोर्ट पहुंच गए। इसी के साथ पूर्व में सीएचओ का कोर्स करने वालों ने भी इन पदों पर विवाद प्रतियोगी परीक्षा के नियुक्ति देने की मांग कर दी। हाईकोर्ट में एक के बाद एक करीबन सवा सौ याचिकाएं दाखिल हुई। जिसके जरिए 1500 से ज्यादा अभ्यर्थी कोर्ट पहुंचे हैं। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करते हुए आफलाइन फार्म लेने के अंतरिम आदेश दिए हैं। इसी के साथ कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर एक साथ 25 सितंबर को सुनवाई करने आदेश दिया है।
यह है विवाद

होम्योपैथी, यूनानी और बीडीएस डिग्री रखने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि वे जीएनएन या बीएससी नर्सिंग से ज्यादा योग्यता रखते हैं। इसी वजह से उनको शामिल किया जाना चाहिए। इसी के साथ स्वच्छ प्रतियोगिता का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता छात्रों का कहना है कि प्रतियोगी परीक्षा में जो भी योग्य होगा उसका चयन होगा। इसी वजह से उनको शामिल किया जाना चाहिए।
पहले शामिल करने का था नियम

दरअसल सीएचओ के लिए 2017 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन विवादों की वजह से भर्ती का निरस्त कर दिया गया था। उस समय पर आयुष के तहत आने वाले सभी चिकित्सक इसमें शामिल थे। बिहार और छत्तीसगढ़ में इनको शामिल भी किया गया है। लेकिन राजस्थन में इस बार भर्ती योग्यता में इनको शामिल नहीं किया गया।
इनका कहना है

दरअसल करीबन सभी भर्तियां कोर्ट तक पहुंच रही है सीएचओ या फिर पैरामेडिकल और सहायक रेडियोग्राफर भर्ती। यह तो अधिकारियों को चाहिए भर्ती निकालने से पहले सभी पक्षों को देखकर योग्यता और भर्ती नियम जारी करें। जिसकी वजह से छात्रों को परेशान नहीं होना पड़े।
रामप्रताप सैनी, अधिवक्ता,

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