परिवार परामर्श केंद्र शिल्पायन की संस्थापक लक्ष्मी अशोक बताती हैं कि परामर्श केंद्र पर दोनों से समझाइश की जाती है। इस दौरान इस तरह की बातें सामने आती हैं कि पत्नी सारा दिन अपने घरवालों से बात करती है, या पति सारा वक्त मोबाइल पर बिताते हैं। एक दूसरे पर विवाहेत्तर संबंध के आरोप भी लगाते हैं। इसमें मोबाइल फोन और सोशल मीडिया चैटिंग को बतौर विटनेस उपयोग करते हैं।
केस 1 : मानसरोवर निवासी 29 वर्षीय गरिमा (बदला हुआ नाम) ने काउंसिलिंग में बताया कि पति ऑफिस से आते ही मोबाइल में खो जाते हैं। एक दिन मैंने मोबाइल चैक किया तो देखा वो सोशल मीडिया पर महिला मित्र से शादी के बाद भी बात करते हैं।
केस 2 : मुहाना निवासी 26 वर्षीय सरिता (बदला हुआ नाम) की शादी को एक साल भी नहीं हुआ। उसने पति पर मारपीट का मामला दर्ज करवाया। दोनों की काउंसिलिंग हुई तो पति ने कहा कि झगड़े की जड़ मोबाइल है।
वर्ष 2019 में जयपुर के चारों महिला थानों में दर्ज मामले ईस्ट 265
वेस्ट 412
नोर्थ 207
साउथ 275 परिवार का रहता है दखल ज्यादातर केसों में मोबाइल झगड़े की वजह बन रहा है। खासतौर पर लड़के की शिकायत रहती है कि लड़की मोबाइल फोन पर लगी रहती है, जिससे लड़की के परिवार वालों का इंटरफेर बढ़ता है।
सरोज धायल, महिला थानाधिकारी वेस्ट
मोबाइल इंटरनेट और सोशल मीडिया रिश्तों में दरार डाल रहे हैं। इनके चलते रिश्तों में शक पनपता है और मामला थाने तक पहुंच जाता है। सुनीता बायल, महिला थानाधिकारी ईस्ट