10 से 15 जीबी पहुंची प्रति उपभोक्ता खपत
कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक उपभोक्ता 5 जीबी मोबाइल डेटा का हर माह ज्यादा उपयोग कर रहा है। कोरोना के शुरुआत में हर माह औसतन 10 जीबी डेटा खर्च कर रहा था, जो अब 15 जीबी तक पहुंच गई है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अनुसार वॉयस कॉल 550 मिनट से बढ़कर 750 मिनट प्रति व्यक्ति तक पहुंच गई है।
कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक उपभोक्ता 5 जीबी मोबाइल डेटा का हर माह ज्यादा उपयोग कर रहा है। कोरोना के शुरुआत में हर माह औसतन 10 जीबी डेटा खर्च कर रहा था, जो अब 15 जीबी तक पहुंच गई है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अनुसार वॉयस कॉल 550 मिनट से बढ़कर 750 मिनट प्रति व्यक्ति तक पहुंच गई है।
राज्य में अब 100 में से 87 नहीं 83 लोग दूरसंचार सेवा सीधे जुड़े
राजस्थान में अभी 100 में से 83.08 प्रतिशत लोग दूरसंचार सेवा से सीधे जुड़े (टेलीडेनसिटी) हुए हैं, जबकि पहले यह संख्या 87 तक पहुंच चुकी है। जनसंख्या के अनुपात में दिल्ली में 279 प्रतिशत आंकड़ा है, जो देश में सर्वाधिक है। बिहार में सबसे कम 53.95 प्रतिशत है। वहीं, देश में औसतन 88.51 प्रतिशत लोग दूरसंचार सेवा से जुड़े हुए हैं। देश का आंकड़ा पिछले चार माह में डेढ़ प्रतिशत गिरा है।
राजस्थान में अभी 100 में से 83.08 प्रतिशत लोग दूरसंचार सेवा से सीधे जुड़े (टेलीडेनसिटी) हुए हैं, जबकि पहले यह संख्या 87 तक पहुंच चुकी है। जनसंख्या के अनुपात में दिल्ली में 279 प्रतिशत आंकड़ा है, जो देश में सर्वाधिक है। बिहार में सबसे कम 53.95 प्रतिशत है। वहीं, देश में औसतन 88.51 प्रतिशत लोग दूरसंचार सेवा से जुड़े हुए हैं। देश का आंकड़ा पिछले चार माह में डेढ़ प्रतिशत गिरा है।
किस आॅपरेटर के कितने उपभोक्ता
ऑपरेटर – उपभोक्ता
एयरटेल- 2.17 करोड़
वोडाफोन-आइडिया- 1.16 करोड़
बीएसएनएल- 59.92 लाख
रिलायंस जियो- 2.61 करोड़
(ट्राई के अनुसार) ये परेशानी आज भी कायम
-नेटवर्क समस्या, कॉल ड्राप होने का सिलसिला बढ़ा।
-दावे के अनुसार डेटा स्पीड नहीं मिल रही। इसमें एक इलाके में संसाधन के अनुपात में ज्यादा उपभोक्ता होना भी एक कारण है।
-मोबाइल आॅपरेटरों का इन्फ्रास्ट्रक्चर बहुत ज्यादा अपग्रेड नहीं, लेकिन उपभोक्ता संख्या और डेटा उपयोग जरूर तेजी से बढ़ा है।
ऑपरेटर – उपभोक्ता
एयरटेल- 2.17 करोड़
वोडाफोन-आइडिया- 1.16 करोड़
बीएसएनएल- 59.92 लाख
रिलायंस जियो- 2.61 करोड़
(ट्राई के अनुसार) ये परेशानी आज भी कायम
-नेटवर्क समस्या, कॉल ड्राप होने का सिलसिला बढ़ा।
-दावे के अनुसार डेटा स्पीड नहीं मिल रही। इसमें एक इलाके में संसाधन के अनुपात में ज्यादा उपभोक्ता होना भी एक कारण है।
-मोबाइल आॅपरेटरों का इन्फ्रास्ट्रक्चर बहुत ज्यादा अपग्रेड नहीं, लेकिन उपभोक्ता संख्या और डेटा उपयोग जरूर तेजी से बढ़ा है।
यहां रिपोर्ट दबाए बैठा ट्राई
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मोबाइल कॉल ड्राप और इंटरनेट कनेक्टिविटी की हकीकत जानने के लिए करीब छह माह पहले जयपुर शहर में तीन दिन तक ड्राइव टेस्ट किया। इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की बजाय अफसर इसे दबाए बैठे हैं। जबकि, इसी रिपोर्ट के आधार पर यहां मोबाइल सेवा से जुड़ी समस्याओं का समाधान होना है।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मोबाइल कॉल ड्राप और इंटरनेट कनेक्टिविटी की हकीकत जानने के लिए करीब छह माह पहले जयपुर शहर में तीन दिन तक ड्राइव टेस्ट किया। इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की बजाय अफसर इसे दबाए बैठे हैं। जबकि, इसी रिपोर्ट के आधार पर यहां मोबाइल सेवा से जुड़ी समस्याओं का समाधान होना है।