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लोकसभा चुनाव से पहले पार्षदों के सामूहिक इस्तीफे से कांग्रेस में मचा हड़कंप, हाइकमान तक पहुंची बात

locationजयपुरPublished: Mar 12, 2019 11:23:11 am

झुंझुनूं जिले की सूरजगढ़ नगरपालिका के उपाध्यक्ष समेत सभी आठ कांग्रेसी पार्षदों के सामूहिक इस्तीफे से कांग्रेस में हड़कंप मच गया है।

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जयपुर/झुंझुनूं। झुंझुनूं जिले की सूरजगढ़ नगरपालिका के उपाध्यक्ष समेत सभी आठ कांग्रेसी पार्षदों के सामूहिक इस्तीफे से कांग्रेस में हड़कंप मच गया है। वरिष्ठ पार्षद महावीर प्रसाद सैनी के नेतृत्व में पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल आज जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और जिले के प्रभारी मंत्री से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे।
इस्तीफे की खबर पार्टी हाइकमान तक पहुंचने के बाद मंत्री शांति धारीवाल ने सोमवार शाम सूरजगढ़ नगर अध्यक्ष एवं पार्षद महावीर प्रसाद सैनी से बात की और जयपुर बुलाया। वरिष्ठ पार्षद महावीर सैनी का कहना है कि इस्तीफे की प्रति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित प्रभारी मंत्री एवं कांग्रेस जिलाध्यक्ष को भेजी है।
सैनी ने बताया कि अभी तक यह पार्टी की अंदरूनी बात है, लेकिन समय आने पर इसका खुलासा भी किया जाएगा। वैसे सामने आया है कि इस्तीफा देने वाले पार्षद यहां लगाए गए ईओ को 15 दिन में ही हटाने से नाराज हैं। उनका कहना है कि विरोधी नेताओं ने ईओ को हटवाया है। इसी को इस्तीफा देने की वजह बताया जा रहा है।
झुंझुनूं में कार्यरत एईएन अनिल चौधरी को सूरजगढ़ पालिका का ईओ का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। उन्होंने 22 फरवरी को सूरजगढ़ में ज्वाइन किया था। इसका विपक्षी नेताओं ने विरोध किया था। बताया जा रहा है कि दो बड़े नेताओं ने चैलेंज देकर ईओ अनिल चौधरी को हटवाया है, जबकि कांग्रेस के स्थानीय पदाधिकारी व पार्षद उनको वहां रखने के पक्ष में थे।
ईओ के तबादले के विरोध में कांग्रेस पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल स्थानीय नेताओं के साथ यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से मिला था। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें इस घटनाक्रम के बारे में अवगत कराया था। वहां सुनवाई नहीं होने से नाराज कांग्रेस पार्षदों ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि उनकी सरकार होते हुए दूसरी पार्टी एवं अन्य विरोधी लोग चैलेंज देकर तबादला करवा दें तो पद पर रहने की क्या जरूरत है।

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