बनारस के घाट, महाभारत का युद्ध, प्रकृति और ममता के विभिन्न स्वरूपों को सकल्पचर्स के रूप में प्रदर्शित किया इस ड्राविंग और सकल्पचर्स प्रदर्शनी में कलकत्ता के खूबसूरत रंग देखने को मिले।
कलकत्ता सकल्पचर्स संस्था के सहयोग से आयोजित हुई इस प्रदर्शनी में कलकत्ता से जाने-माने अवॉर्ड विनर सकल्पचर आर्टिस्ट्स ने अपनी कलाकृतियां शोकेस की। नेशनल अवॉर्डी, एएफए गवर्नर अवॉर्डी और रशियन गवर्नमेंट अवॉर्डी रतन कृष्ण साहा, एएफए के ऑल इंडिया बेस्ट सकल्पचर अवॉर्डी सुब्रता पॉल और तापस सरकार, ललित कला अकादमी अवॉर्डी सुब्रता बिस्वास, चारुकला और ओरिएण्टल अवॉर्डी सोमनाथ चक्रबोर्ती, चन्दन रॉय, देबब्रता डे, प्रोवत माझी ने समूह में 40 सकल्पचर्स और 26 ड्रॉइंग्स को डिस्प्ले किया।
सभी सकल्पचर्स ब्रोंज धातु में तैयार किए गए है, जिसमें बारीक कारीगिरी दिखाते हुए गंगा के घाटों से लेकर प्रकृति के स्वरुप, कृष्ण लीलाओं से लेकर संगीत वाद्ययंत्र को शोकेस किया है
15 नवंबर तक चलने वाली इस कला प्रदर्शनी में लीला, पावर, कृष्ण, घाट 31, सिटी ऑफ जॉय, दादा सिंगर्स, इमोशनल टच, रिलैक्सिंग, सर्च ऑफ़ वाटर, नेचर, अभिमन्यु, रिटर्निंग होम, रिदम को लाइफ, स्टॉर्म, राइटर, लैंग्वेज ऑफ़ स्पिरिट आदि से मॉडर्न, ट्राइबल और ट्रेडिशनल कल्चर को खूबसूरती से प्रदर्शित किया।
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और कार्डियोलॉजी के सीनियर प्रोफेसर डॉ राजीव बगरहट्टा ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।