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राजस्थान के 8 हजार लोगों की फंसी रकम

locationजयपुरPublished: Jan 11, 2020 01:05:44 am

Submitted by:

Jagmohan Sharma

डीएचएफएल संकट: खतरे में निवेशकों की 700 करोड़ रुपए की एफडी

jaipur

राजस्थान के 8 हजार लोगों की फंसी रकम

जगमोहन शर्मा. जयपुर

दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के निवेशक रोजाना कंपनी के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। डीएचएफएल में राजस्थान के 8000 से ज्यादा रिटेल निवेशकों की 300 करोड़ की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) फंस गई है। इसी तरह मध्यप्रदेश में भी 10 हजार से ज्यादा निवेशकों के 400 करोड़ रुपए अटक गए हैं। हालांकि कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि हम क्लेम स्टेलमेंट के लिए एफडी ले रहे हैं, जैसे ही दिवालिया प्रक्रिया पूरी होगी, रकम आने लगेगी। अकेले जयपुर में 3000 से ज्यादा निवेशकों की करीब 100 करोड़ की फिक्सड डिपॉजिट हैं। नए कानून लागू होने के बाद यह पहला मौका है जब किसी एनबीएफसी के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू की गई है। इससे पहले फाइनेंस कंपनियों को दिवालिया कानून के दायरे से बाहर रखा गया था। आवेदन पर फैसला होने तक इसने कंपनी द्वारा सभी तरह के भुगतान पर भी रोक लगा दी है।
एफडी धारकों को प्राथमिकता
दिवालिया प्रक्रिया के बाद उन लोगों को प्राथमिकत दी जाएगी, जिनकी एफडी है और वो रिटायर होने वाले हैं या हो चुके हैं। डीएचएफएल की कॉरपोरेट एफडी में ऊंची ब्याज दर मिलती थी, इसलिए यह लोकप्रिय थी। 6 जुलाई 2019 तक कंपनी के पास 6188 करोड़ की एफडी थीं। डीएचएफएल पर बैंकों, एनएचबी, म्यूचुअल फंडों और बॉन्ड धारकों के 88,000 करोड़ रुपए बकाया थे।
शेल कंपनियां बना लिया बैंकों से लोन
डीएचएफसएल वधावन ग्लोबल कैपिटल के स्वामित्व वाली एक सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी है। कपिल वाधवन, अरुणा वाधवन और धीरज वाधवन डीएचएफएल के मुख्य साझेदार हैं। डीएचएफएल के प्रमोटरों ने वधावन समूह के स्वामित्व वाली शेल कंपनियों को वित्तीय नियमों का उल्लंघन करते हुए हजारों करोड़ रुपए का उधार देने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों से कथित रूप से असुरक्षित ऋण लिया।
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