एफडी धारकों को प्राथमिकता
दिवालिया प्रक्रिया के बाद उन लोगों को प्राथमिकत दी जाएगी, जिनकी एफडी है और वो रिटायर होने वाले हैं या हो चुके हैं। डीएचएफएल की कॉरपोरेट एफडी में ऊंची ब्याज दर मिलती थी, इसलिए यह लोकप्रिय थी। 6 जुलाई 2019 तक कंपनी के पास 6188 करोड़ की एफडी थीं। डीएचएफएल पर बैंकों, एनएचबी, म्यूचुअल फंडों और बॉन्ड धारकों के 88,000 करोड़ रुपए बकाया थे।
दिवालिया प्रक्रिया के बाद उन लोगों को प्राथमिकत दी जाएगी, जिनकी एफडी है और वो रिटायर होने वाले हैं या हो चुके हैं। डीएचएफएल की कॉरपोरेट एफडी में ऊंची ब्याज दर मिलती थी, इसलिए यह लोकप्रिय थी। 6 जुलाई 2019 तक कंपनी के पास 6188 करोड़ की एफडी थीं। डीएचएफएल पर बैंकों, एनएचबी, म्यूचुअल फंडों और बॉन्ड धारकों के 88,000 करोड़ रुपए बकाया थे।
शेल कंपनियां बना लिया बैंकों से लोन
डीएचएफसएल वधावन ग्लोबल कैपिटल के स्वामित्व वाली एक सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी है। कपिल वाधवन, अरुणा वाधवन और धीरज वाधवन डीएचएफएल के मुख्य साझेदार हैं। डीएचएफएल के प्रमोटरों ने वधावन समूह के स्वामित्व वाली शेल कंपनियों को वित्तीय नियमों का उल्लंघन करते हुए हजारों करोड़ रुपए का उधार देने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों से कथित रूप से असुरक्षित ऋण लिया।
डीएचएफसएल वधावन ग्लोबल कैपिटल के स्वामित्व वाली एक सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी है। कपिल वाधवन, अरुणा वाधवन और धीरज वाधवन डीएचएफएल के मुख्य साझेदार हैं। डीएचएफएल के प्रमोटरों ने वधावन समूह के स्वामित्व वाली शेल कंपनियों को वित्तीय नियमों का उल्लंघन करते हुए हजारों करोड़ रुपए का उधार देने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों से कथित रूप से असुरक्षित ऋण लिया।