इस बीच जयपुर में मिले 9 ओमिक्रॉन संक्रमितों में से कुछ नेगेटिव भी हुए हैं। लेकिन इनकी आधिकारिक जानकारी अभी जारी नहीं की गई है। इन्हें नेगेटिव घोषित किए जाने से पहले मेडिकल कॉलेज स्तर पर इनकी और पुष्टि की जा रही है। विशेषज्ञों की ओर से इस वैरिएंट की प्रसार क्षमता अत्यधिक होने के बीच आने वाले दिनों में हजारों लोगों का दूसरे राज्यों से जयपुर में प्रवेश होगा। जिससे इसका तीव्र प्रसार होने की आशंका है। जबकि प्रदेश में वैरिएंट की जांच के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग भी अभी जयपुर में ही है। विभाग का दावा है कि जल्द ही यह सुविधा जोधपुर में भी शुरू की जाएगी।
राहत की बात है कि दुनियाभर सहित जयपुर में सामने आए ओमिक्रॉन के मरीजों में से अधिकांश रिकवर हैं। अभी तक दक्षिण अफ्रीका में एक मौत हुई है। लेकिन अभी इसकी घातकता का सटीक आकलन करना जल्दबाजी होगा क्योंकि इसका प्रसार तेजी से होता है।
– डॉ. सुधीर भंडारी, प्राचार्य एवं नियंत्रक, एसएमएस मेडिकल कॉलेज
ओमिक्रॉन को लेकर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। इसका आकलन अभी तक सामने आए मामलों के अनुसार ही है जिनमें बेहद हल्का संक्रमण हुआ है। अभी यह हो सकता है कि यह कुछ लोगों में सीवियर करे इसलिए एहतियात बरतना बेहद जरूरी है।
– डॉ. वीरेन्द्र सिंह, सदस्य, मुख्यमंत्री कोविड सलाहकार समिति