विश्व की लगभग 90 प्रतिशत आबादी महिलाओं के खिलाफ पक्षपाती: यूनडीपी की रिपोर्ट
जेंडर सोशल नॉर्म्स इंडेक्स: यूनडीपी की ओर से किए गए एक अध्ययन की रिपोर्ट में बताया कि लोग महिलाओं के प्रति कुछ पूर्वाग्रह रखते हैं

जयपुर. विश्व की लगभग 90 प्रतिशत आबादी महिलाओं के खिलाफ पक्षपाती होती हैं। यूनडीपी की ओर से किए गए एक अध्ययन की रिपोर्ट में बताया कि लोग महिलाओं के प्रति कुछ पूर्वाग्रह रखते हैं।
रिपोर्ट जेंडर सोशल नॉर्म्स इंडेक्स के अनुसार विश्व के किसी भी देश ने वह चाहे विकसित हो या विकासशील अभी तक किसी ने भी लैंगिक समानता हासिल नहीं की है। यूएनडीपी द्वारा जारी किए गए जेंडर सोशियल नॉर्म इंडेक्स में 75 देशों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जो कि दुनिया की 80 फीसदी से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं।
लैंगिक समानता हासिल नहीं कर पाए
रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया का कोई भी देश अमीर हो या गरीब लैंगिक समानता हासिल नहीं कर पाया है। अधिकांश क्षेत्रों में वयस्क महिलाएं कम शिक्षित हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं की राजनीतिक शक्ति तक पहुंच कम है। दुनिया 2030 तक भी लैंगिक समानता प्राप्त नहीं की जा सकती है। वर्तमान स्थितियों पर नजर डाले तो आर्थिक अवसर में जेंडर गैप को समाप्त करने में 257 साल लगेंगे। सरकार में प्रमुख पदों पर महिलाओं की संख्या पांच साल पहले की तुलना में कम हैं।
पुरुष ही बेहतर राजनीतिक और व्यवसायी
रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के लगभग आधे पुरुष और महिलाएं महसूस करती हैं कि पुरुष बेहतर राजनीतिक नेता बनाते हैं। 40 प्रतिशत से अधिक लोगों को लगता है कि पुरुष बेहतर व्यावसायिक अधिकारी बनाते हैं। वहीं 28 प्रतिशत आबादी का मानना है कि एक आदमी के लिए अपनी पत्नी को पीटना जायज है।
इतना ही नहीं रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि समाज अक्सर अपनी लड़कियों को कहता है कि वो करियर में कुछ भी बन सकती है, जो वो चाहती हैं। लेकिन वही समाज उन्हें उचित अवसर दिए बिना राजनैतिक सत्ता और अन्य प्रभावशाली पदों पर जाने से रोक देता है।
जैसे-जैसे आर्थिक शक्ति बढ़ती है जेंडर गैप बढ़ता जाता है। दुनिया में केवल 21 प्रतिशत प्रतिनिधित्व महिलाओं का है, वहीं शीर्ष अरबपतियों में महिलाएं केवल 12 प्रतिशत हैं।
यह भी आया सामने
विकासशील देशों में औसतन महिलाओं की 43 प्रतिशत कृषि श्रम शक्ति शामिल है, जबकि कृषि भूमि की महिला धारकों की हिस्सेदारी केवल 18 प्रतिशत है। यही नहीं घरेलू और अन्य अवैतनिक काम के लिए महिलाएं पर पुरुषों की तुलना में बड़ा बोझ उठाती हैं। जो महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी को प्रभावित करती हैं। 2018 के आंकड़े देखें तो वैश्विक श्रम बल भागीदारी पुरुषों की लगभग 75 प्रतिशत और महिलाओं की 48 प्रतिशत थी।
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