scriptकोरोना संक्रमितों से लूट: निजी अस्पतालों में एक दिन के 90 हजार रुपए तक वसूली | 90 thousand rupees a day in private hospitals for corona infected | Patrika News

कोरोना संक्रमितों से लूट: निजी अस्पतालों में एक दिन के 90 हजार रुपए तक वसूली

locationजयपुरPublished: Sep 19, 2020 03:13:54 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

कोविड काल की शुरुआत से ही संक्रमितों के उपचार में मनमानी कर रहे कुछ निजी अस्पताल सरकार की ओर से उपचार व जांच की तय दरों को ठेंगा दिखाते हुए खुली वसूली पर उतर आए हैं।

90 thousand rupees a day in private hospitals for corona infected

तस्वीर जयपुर रेलवे स्टेशन की है, जहां पिता अपने बच्चों को फेस शील्ड पहना रहा है।

विकास जैन/जयपुर। कोविड काल की शुरुआत से ही संक्रमितों के उपचार में मनमानी कर रहे कुछ निजी अस्पताल सरकार की ओर से उपचार व जांच की तय दरों को ठेंगा दिखाते हुए खुली वसूली पर उतर आए हैं। राजस्थान पत्रिका ने सरकार की ओर से तय दरों के हिसाब से निजी अस्पतालों में उपचार की पड़ताल की तो मरीजों ने निजी अस्पतालों के बिल दिखाते हुए वसूली की गवाही दी। उनका कहना था कि सरकार ने दाम तय करते समय उसकी पालना नहीं करने वालों पर सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी थी, अब सरकार उन कार्यवाही करे।
ये बोले: हमसे अब भी वसूले 2200 रुपए
केस 1: जयपुर के एक पुराने और बड़े अस्पताल में 65 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक ने गुरुवार को कोविड जांच कराई। इसके 1200 के बजाय 2200 रुपए वसूले गए। इतना ही नहीं उन्हें निजी अस्पताल में संक्रमित बताया गया जबकि दिन आरयूएचएस में जांच कराई तो रिपोर्ट नेगेटिव आई।
केस 02: एक निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने भी गुरुवार को कोरोना जांच के लिए एक महिला से 2200 रुपए वसूले। उसने भी अपना बिल पत्रिका के साथ साझा किया।

नहीं मिलो वेंटिलेटर, एक दिन के वसूले 90 हजार रुपए
सीकर हाउस निवासी शीला सराफ ने बताया कि उनकी सास को 2 सितम्बर को अचानक सांस लेने में तकलीफ हुई। सबसे पहले एसमएस हॉस्पिटल ले गए लेकिन वहां इलाज नहीं मिला। बाद में कई निजी अस्पतालों में ले गए लेकिन तबीयत ज्यादा बिगड़ने से उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत थी, जो निजी अस्पतालों ने नहीं दिया। आरयूएचएस में भी आइसोलेशन वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं था। आखिर उन्हें निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन अगले दिन कोविड रिपोर्ट आने के 3 घंटे के अंदर उनकी मौत हो गई। एक दिन का खर्चा लगभग 90 हजार रुपए आया। अलग—अलग अस्पताल जाने के कारण 16 हजार रुपए एम्बुलेंस का खर्चा आया।
दस दिन के वसूले 3 लाख
सोडाला निवासी विनोद कुमार छाबड़ा ने बताया कि उनकी पत्नी की तबीयत खराब होने पर गोपालपुरा बाइपास स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया, जहां 10 दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई। यहां 3 लाख से ज्यादा का बिल बना। हॉस्पिटल में मरीज को देखने तक नहीं दिया।
आरयूएचएस के बाद निजी में होना पड़ा भर्ती, सवा लाख खर्च हो गए
वैशालीनगर निवासी कमल चौपड़ा ने बताया कि गत माह संक्रमित हुआ तो आरयूएचएस में भर्ती हुआ। आठ दिन तक रहा। इस बीच रिपोर्ट तो निगेटिव हो गई लेनिक सांस में तकलीफ और निमोनिया हो गया। ऐसे में निजी अस्पताल में भर्ती हुआ। आठ दिन बाद हालत ठीक होने के बाद छुट्टी मिली तब तक सवा लाख रुपए खर्च हो गए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो