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इधर घनश्याम तिवाड़ी ने सालों बाद BJP से तोड़ा रिश्ता, उधर इस दिग्गज संसदीय सचिव संग 93 लोगों ने जोड़ा भाजपा से नाता

locationजयपुरPublished: Jun 25, 2018 12:50:52 pm

संसदीय सचिव की अगुवाई में 93 जनों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

93 members in leadership of parliamentary secretary joined BJP

93 members in leadership of parliamentary secretary joined BJP

जयपुर/अजमेर/पुष्कर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव अब काफी नजदीक हैं। ऐसे में दोनों ही दिग्ग्जज पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने अपने प्रचार प्रसार और रणनीति को तेज कर दिया है। इसके लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणा, चुनावी सभाएं और जातीय समीकरणों को लेकर भी चर्चाओं का दौर जारी है। विपक्ष और सत्ताधारी पार्टी दोनों ही चुनाव जीतने की पुरजोर कोशिश में हैं। ऐसे में किसी वरिष्ठ का पार्टी से अलग होना ना केवल अति नुकसानदायक है, बल्कि पार्टी की छवि को भी धूमिल करने का बहुत बड़ा कारण है, लेकिन फिर भी पार्टी सदस्य सालों बाद भी पार्टी का साथ छोड़ देते हैं या फिर नई पार्टी का निमार्ण कर लेते हैं। इसी कड़ी में सोमवार को बीजेपी के दिग्गज नेता और सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने बीजेपी से सालों पुराना नाता तोड़ दिया है।

उधर, पुष्कर के निकटवर्ती कांग्रेस समर्थित माली बाहुल्य गांव डेर बाँसेली गांव के 93 जनों ने भी संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत की अगुवाई में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इस अवसर पर सचिव रावत एवं पुष्कर नगरपालिका अध्यक्ष कमल पाठक ने सभी भाजपा में शामिल होने वाले माली समाज के लोगों का माला व भाजपा की टोपी व स्कार्फ पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर शादी समारोह को संबोधित करते हुए संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत ने कहा कि भाजपा की रीति-नीति विकास को ध्यान कर कर माली समाज समर्थित लोगों ने जो भाजपा का हाथ थामा है, यह निश्चित तौर पर भाजपा की विकास की योजनाओं के प्रति समर्थन है। उन्होंने सभी का अभिनंदन किया। इस अवसर पर समारोह को जिला परिषद सदस्य मदन सिंह रावत, पीसांगन पंचायत समिति के प्रधान अशोक सिंह रावत, मोहन सिंह रावत ने भी संबोधित किया। ये आयोजन पुष्कर के तिलोरा रोड स्थित अमरदीप होटल में किया गया।

बढ़ा भाजपा का कद, लेकिन राह नहीं आसान
हालांकि इसके बाद माली समाज के क्षेत्र में भाजपा का वजूद बढ़ा है, लेकिन पार्टी के लिए इस बार राजस्थान में राह आसान नहीं होगी। क्योंकि बीजेपी से नाराज चल रहे सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी की भारत वाहिनी पार्टी को आखिरकार केंद्रीय निर्वाचन आयोग से हरी झंडी मिल गई है। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने भारत वाहिनी पार्टी का बुधवार को विधिवत रूप से पंजीयन कर दिया। घनश्याम तिवाड़ी की इस नई पार्टी के पंजीयन ने राजस्थान में एक नई राजनीति के उभरने की संभावनाओं को खड़ा कर दिया है। घनश्याम तिवाड़ी के बेटे अखिलेश तिवाड़ी भारत वाहिनी पार्टी के अध्यक्ष व संस्थापक हैं। आपको बता दें कि तिवाड़ी लंबे समय से पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। कई बार वे सार्वजनिक मंचों तक से पार्टी और उसके नेतृत्व को लेकर टिप्पणियां कर चुके हैं। अब जब तिवाड़ी ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है और नए दल का गठन कर ही लिया है तो ये प्रदेश में आगामी चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा के साथ ही विपक्षी कांग्रेस के लिए भी चुनौती बन सकती है।
भाजपा-कांग्रेस के लिए बड़ी टक्कर
घनश्याम तिवाड़ी के बेटे अखिलेश तिवाड़ी की अध्यक्षता में बनी भारत वाहिनी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में सभी 200 सीटों पर उतारने का मन बना चुकी है। घनश्याम तिवाड़ी राजस्थान सियासत के दिग्गज माने जाते हैं। फिलहाल वे जयपुर के सांगानेर से एमएलए हैं। इसके अलावा शेखावटी की राजनीति में भी उनकी अच्छी ख़ासी दखल है। वहीं भाजपा से अंदर खाने नाराज चल रहे कुछ पार्टी नेता और विधायकों से भी तिवाड़ी की घनिष्ठता है। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए तिवाडी फैक्टर किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
वहीं दूसरी ओर सत्ता में वापसी के सपने संजो रही कांग्रेस पार्टी के लिए भी घनश्याम तिवाड़ी आने वाले चुनावों में मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। भारत वाहिनी पार्टी 200 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी। कुल मिलाकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी के लिए सत्ता में वापसी के लिए आने वाले चुनाव चुनौती बन कर खड़े होंगे।

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